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दुर्योधन को स्वर्ग क्यों मिला, शकुनी को स्वर्ग क्यों मिला

दुर्योधन और शकुनि को स्वर्ग क्यों मिला – Why Duryodhana Went To Heaven

दुर्योधन को स्वर्ग क्यों मिला – दुर्योधन और शकुनि दोनों ही अधर्मी थे, लेकिन फिर भी इनको स्वर्ग प्राप्त हुआ। तो आइये जानते है कैसे दुर्योधन और शकुनि को स्वर्ग क्यों मिला –

दुर्योधन को स्वर्ग क्यों मिला इन हिंदी (Why Duryodhana Went To Heaven In Hindi)

महाभारत के स्वर्गारोहण पर्व की कथा के अनुसार महाभारत युद्ध में युधिष्ठिर ने विजय प्राप्त की और 36 वर्षों तक हस्तिनापुर पर शासन किया। जब कृष्णजी ने अपना शरीर छोड़ा तो युधिष्ठिर भी समझ गए कि अब उनका पृथ्वी छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने परीक्षित को सिंहासन सौंप दिया और अपने भाइयों और द्रौपदी के साथ सशरीर स्वर्ग चले गये।

स्वर्ग में युधिष्ठिर ने दुर्योधन को देदीप्यमान देवताओं के साथ दिव्य सिंहासन पर सूर्य के समान चमकते हुए देखा। इस पर युधिष्ठिर क्रोध से भरकर दूसरी ओर मुख करके बोले, देवताओं! जिसके कारण हमने अपने रिश्तेदारों और भाइयों का संहार कर डाला और पृथ्वी को तबाह कर दिया। जिसने हमें बहुत कष्ट दिया है, उस लोभी तथा अधर्मी दुर्योधन के साथ रहकर हम पुण्य लोक की कामना नहीं कर सकते। मैं वहाँ जाना चाहता हूँ जहाँ मेरे भाई हैं।

युधिष्ठिर की बातें सुनकर नारदजी बोले, धर्मराज के स्वर्ग में रहने पर पूर्व वैर समाप्त हो जाता है। आपको दुर्योधन से ऐसी बात नहीं करनी चाहिए। वस्तुतः दुर्योधन ने कुरूक्षेत्र के युद्ध में अपने शरीर का बलिदान देकर वीरों की गति प्राप्त कर ली है, जिसने युद्ध में देवताओं के समान तेजस्वी आप भाइयों का साहसपूर्वक सामना किया है, दुर्योधन बड़े से बड़े भय के समय भी निडर बना रहा। उसने क्षत्रिय धर्म के अनुसार तुम्हारे साथ युद्ध किया और अधर्म में भागीदार होकर भी यहाँ है।

इस दौरान भीम ने युधिष्ठिर से पूछा कि भाई दुर्योधन ने जीवन भर पाप किए हैं। फिर उसे स्वर्ग क्यों मिला? तब युधिष्ठिर ने उन्हें बताया कि दुर्योधन का लक्ष्य जीवन भर स्पष्ट था। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने हर संभव कोशिश की। बचपन से ही उन्हें अच्छे संस्कार नहीं मिले, इसलिए वे सत्य का साथ नहीं दे सके, लेकिन तमाम बाधाओं के बावजूद वे अपने उद्देश्य पर अटल रहे। यह उनकी अच्छाई ही थी जिसके कारण सभी अधर्मी कर्म करने के बाद भी उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई। इसके बाद, पांडव संतुष्ट हो गए और दुर्योधन के साथ स्वर्ग में बहुत खुशी से अपना समय बिताया, जिसके साथ वे पृथ्वी पर खुश नहीं थे।

शकुनी को स्वर्ग क्यों मिला (Why Shakuni Went To Heaven In Hindi)

1) ऐसा कहा जाता है कि शकुनि ने बहुत सारे पाप किए थे लेकिन उसने यह सब अपने परिवार का बदला लेने के लिए किये थे। उसने अपने सामने अपने पूरे परिवार को भूख से मरते देखा था और उनकी मौत को सही ठहराने के लिए उसने बहुत सारे पाप किए। अत: उसे स्वर्ग की प्राप्ति हुई।

2) दूसरा कारण यह भी बताया जाता है कि महाभारत के युद्धक्षेत्र में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण मौजूद थे और उन्होंने कहा था कि उनकी उपस्थिति से जो भी इस युद्धक्षेत्र में मरेगा, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी।

3) ऐसा भी कहा जाता है की महापापी शकुनि को दो गुणों के कारण स्वर्ग मिला, जिनमें से एक अपराधबोध और दूसरा भक्तिभाव। महाभारत युद्ध के बाद शकुनि को ग्लानि महसूस हुई और वह भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गया।

शिव ध्यान के फलस्वरूप उसके सभी दुर्गुण नष्ट हो गये और पुराने पापों का भी प्रायश्चित हो गया। दक्षिण भारत के केरल राज्य में भी शकुनि का एक मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने इस मंदिर में भगवान शिव का ध्यान किया था।

शकुनि के दुर्गुणों के बारे में बात करते हुए भी यह माना जाता है कि उसने जीवनभर अपने पिता को दिए वचन का पालन किया और अपनी बहन गांधारी को नहीं छोड़ा। जीवन भर कई बुरे कर्म करने के बाद शकुनि ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भक्ति का मार्ग अपनाया।

4) इसके अलावा जब धृतराष्ट्र के पास गांधारी से विवाह का प्रस्ताव आया तो शकुनि को यह बिल्कुल पसंद नहीं आया। शकुनि ने कहा कि धृतराष्ट्र जन्म से अंधे हैं और उनके पूरे राज्य की देखभाल उनके भाई पांडु करते हैं, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। गांधारी ने धृतराष्ट्र से विवाह कर लिया और हस्तिनापुर आ गईं जिसके कारण उनकी बहन को जीवन भर अंधेपन का जीवन जीना पड़ा।

इतना ही नहीं, धृतराष्ट्र ने शकुनि के पिता और उसके 100 भाइयों को पकड़कर कारागार में डाल दिया। शकुनि धृतराष्ट्र से नफरत करता था। शकुनि इस अत्याचार का बदला लेना चाहता था, इसलिए उसने कौरवों को नष्ट करने की प्रतिज्ञा ली।

अब आप सोच रहे होंगे कि शकुनि ने अपनी ही बहन के परिवार को नष्ट कर दिया था तो फिर उसे स्वर्ग की प्राप्ति क्यों और कैसे हुई। दरअसल, शकुनि ने जो कुछ भी किया वह अपने परिवार पर हुए अन्याय का बदला लेने के लिए था। कारण मृत्यु के बाद शकुनि को स्वर्ग की प्राप्ति हुई।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको दुर्योधन और शकुनि को स्वर्ग क्यों मिला – Why Duryodhana And Shakuni Went To Heaven के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख दुर्योधन को स्वर्ग क्यों मिला (Why Duryodhana Went To Heaven) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

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