स्पीकर क्या है, इसके प्रकार – (Loudspeaker In Hindi)

What Is Speaker In Hindi: आप सभी ने स्पीकर को अपने आसपास देखा होगा चाहे अपने कंप्यूटर में, सिनेमा हॉल में, शादियों में, रेलवे स्टेशन पर, किसी पार्टी या फंक्शन आदि में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्पीकर क्या है और स्पीकर कैसे काम करता है।

अगर आप स्पीकर के बारे में पूरी सटीक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया है कि स्पीकर क्या होता है, स्पीकर कितने प्रकार के होते हैं, स्पीकर कैसे काम करता है, स्पीकर के उपयोग, स्पीकर के फायदे और नुकसान क्या है। इस लेख को पढ़ने के बाद आपको स्पीकर के बारे में पता चल जाएगा।

तो चलिए आपका ज्यादा बर्बाद न करते हुए इस लेख की शुरुआत करते हैं और जानते हैं स्पीकर/लाउडस्पीकर क्या होता है (What Is Loudspeaker In Hindi) –

स्पीकर/लाउडस्पीकर क्या है? (Speaker Kya Hai In Hindi)

स्पीकर या लाउडस्पीकर कंप्यूटर का एक आउटपुट डिवाइस है जिसका उपयोग किसी भी प्रकार की ध्वनि को सुनने के लिए किया जाता है। लाउडस्पीकर विद्युत संकेतों को ध्वनि तरंगों में परिवर्तित करते हैं।

कुछ ख़ास प्रकार के स्पीकर होते हैं जिन्हें कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए बनाया जाता है, वहीं कुछ स्पीकर ऐसे भी होते हैं जिन्हें किसी भी डिवाइस से कनेक्ट किया जा सकता है।

लेकिन सभी प्रकार के स्पीकर का मुख्य कार्य कंप्यूटर या किसी भी ऐसे उपकरण से ध्वनि उत्पन्न करना होता है जिसे एक आम आदमी सुन सके।

लाउडस्पीकर की रेंज, आकार, लागत आदि जैसे कारक मिलकर इसकी गुणवत्ता तय करते हैं। स्पीकर का इस्तेमाल सालों से होता आ रहा है और आज के समय में भी इनका बहुत इस्तेमाल किया जाता है।

स्पीकर कैसे काम करता है? (Speaker Works In Hindi)

जैसा कि हमने ऊपर बताया, स्पीकर का मुख्य कार्य यह होता है कि यह विद्युत तरंगों ( इलेक्ट्रिक तरंगों) को ध्वनि तरंगों में परिवर्तित करता है।

स्पीकर सबसे पहले कंप्यूटर या किसी डिवाइस से साउंड रिसीव करता है। यह ध्वनि या तो एनालॉग या डिजिटल होती है।

यदि स्पीकर द्वारा प्राप्त ध्वनि एनालॉग है तो एनालॉग स्पीकर इसे सीधे ध्वनि तरंगों में परिवर्तित कर देता है और यदि ध्वनि डिजिटल है तो एक डिजिटल स्पीकर पहले इसे एनालॉग सिग्नल में और फिर ध्वनि तरंग में परिवर्तित करता है।

स्पीकर से निकलने वाली आवाज को फ्रीक्वेंसी (आवृत्ति) या एम्प्लिट्यूड (आयाम) कहते हैं। आवृत्ति बताती है कि उत्पन्न ध्वनि उच्च या निम्न थी। ध्वनि की क्वालिटी इस बात पर निर्भर करती है कि स्पीकर को सिग्नल कैसे मिल रहे हैं।

आयाम ध्वनि तरंगों द्वारा निर्मित दबाव का पता करता है। आवाज पर जितना अधिक दबाव दिया जाता है आवाज उतनी ही तेज सुनाई देती है। जिन उपकरणों में ऑडियो का स्रोत कमजोर होता है, ध्वनि की क्वालिटी बढ़ाने के लिए स्पीकर का उपयोग किया जाता है।

स्पीकर का मतलब क्या है? (Speaker Meaning In Hindi)

स्पीकर का हिंदी में मतलब होता है – वक्ता।

आंतरिक और बाहरी स्पीकर क्या हैं? (Internal And External Speaker In Hindi)

जो स्पीकर पहले से डिवाइस में इनबिल्ट रहेत हैं, उन्हें इंटरनल स्पीकर कहते हैं, जैसे मोबाइल, कंप्यूटर में पहले से ही इनबिल्ट स्पीकर होते हैं, जिनके जरिए आप मोबाइल, कंप्यूटर में मौजूद मल्टीमीडिया को सुन सकते हैं।

बाहरी स्पीकर ऐसे स्पीकर होते हैं जिन्हे किसी डिवाइस के साथ बाहर से जोड़ा जाता है। इस प्रकार के स्पीकर का उपयोग तब किया जाता है जब तेज ध्वनि की आवश्यकता होती है। इस तरह के स्पीकर को बाहर से मोबाइल, कंप्यूटर में कनेक्ट किया जा सकता है जैसे वूफर्स।

स्पीकर के प्रकार क्या है? (Types Of Speaker In Hindi)

तकनीक के आधार पर स्पीकर कई प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है-

1 – सब-वूफेर्स ( Sub-Woofers )

सब-वूफर बहुत कम आवृत्ति वाले स्पीकर होते हैं, जिनमें ध्वनि की तीव्रता 20 से 200 हर्ट्ज के बीच होती है। इनका उपयोग होम थिएटर, कार आदि में किया जाता है।

2 – लाउडस्पीकर (Loudspeaker )

ये सामान्य प्रकार के होम स्पीकर हैं जिनका उपयोग पुराने समय में रेडियो, टेलीविजन, स्टीरियो आदि में ध्वनि को प्राप्त करने के लिए किया जाता था।

इस प्रकार के स्पीकर का उपयोग ज्यादातर शादियों, पार्टियों, स्टेज शो आदि में किया जाता है। अपने बड़े आकार के कारण ये अधिक जगह घेरते हैं। आजकल इस प्रकार के स्पीकर छोटे आकार में भी उपलब्ध हैं।

3 – स्टूडियो मॉनिटर्स (Studio Monitors)

स्टूडियो मॉनिटर स्पीकर स्पष्टता के साथ ध्वनि को उत्पन्न करते हैं। ये ज्यादातर संगीत सुनने, खेलों के उपकरण के लिए उपयोग किए जाते हैं।

4 – फ्लोर स्टैंडिंग स्पीकर (Floor Standing Speaker)

फ्लोर स्टैंडिंग स्पीकर लगभग 4 फीट ऊंचे होते हैं जिन्हें किसी भी फ्लोर पर खड़ा किया जा सकता है। इस प्रकार के स्पीकर को रखने के लिए अधिक जगह की आवश्यकता होती है। आप में से अधिकांश लोगों ने अपने आस-पास फ्लोर स्टैंडिंग स्पीकर देखा होगा। इस प्रकार के स्पीकर के लिए एम्पलीफायर और रिसीवर की आवश्यकता होती है।

5 – बुकशेल्फ़ स्पीकर (Bookshelf Speakers)

बुकशेल्फ़ स्पीकर मध्यम आकार के होते हैं। होम थिएटर के सेटअप में ये एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। ये स्पीकर डायरेक्शनल हैं, जिसका अर्थ है कि ध्वनि को ठीक से सुनने के लिए आपको अपनी ओर करना होगा। इस तरह के स्पीकर में भी फ्लोर स्टैंडिंग की तरह एम्प्लीफायर और रिसीवर की जरूरत होती है।

6 – सेंट्रल चैनल स्पीकर (Central Channel Speaker)

सेंट्रल चैनल स्पीकर की क्वालिटी स्टूडियो मॉनिटर के समान है। टेलीविजन की आवाज में क्वालिटी लाने के लिए इन स्पीकरों को टेलीविजन के सामने या ऊपर रखा जाता है।

7 – सैटेलाइट स्पीकर (Satellite Speakers)

सैटेलाइट स्पीकर आकार में छोटे होने के साथ-साथ वायर्ड भी होते हैं। इनमे पहले से ही एक सब-वूफर होता है और यह सब-वूफर इनके लिए टिपिकल पावर सोर्स है। इस तरह के स्पीकर को आप घर में कहीं भी लगा सकते हैं।

8 – इन-वॉल स्पीकर (In-Wall Speaker )

इन-वॉल स्पीकर्स को इन सीलिंग स्पीकर्स भी कहा जाता है, ये स्पीकर्स काफी महंगे होते हैं और इन्हें इंस्टॉल करना भी आसान नहीं होता है। इनका उपयोग घरों में किया जा सकता है, अगर आप घर के किसी भी कमरे में संगीत सुनना चाहते हैं, तो इन-वॉल स्पीकर एक अच्छा विकल्प है। म्यूजिक पसंद करने वालों के लिए इन-वॉल स्पीकर फायदेमंद है।

9 – ऑन-वॉल स्पीकर (On- Wall Speaker )

ऑन वॉल स्पीकर को आप अपने घर की दीवारों में फिट कर सकते हैं, इसके लिए आपको अपने घर की दीवारों में छेद करने की जरूरत नहीं है।

फ्लोर स्टैंडिंग स्पीकर को रखने के लिए आपको फ्लोर में ज्यादा जगह की जरूरत होती है, लेकिन ऑन वॉल स्पीकर में आपको फ्लोर में ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है। इन्हें आप आसानी से अपनी दीवार में फिट कर सकते हैं।

10 – ब्लूटूथ स्पीकर (Bluetooth Speaker)

ब्लूटूथ स्पीकर्स का इस्तेमाल आज के समय में काफी मात्रा में हो रहा है। ब्लूटूथ स्पीकर वायरलेस स्पीकर हैं। ये ब्लूटूथ के माध्यम से डिवाइस से जुड़े होते हैं। इनकी साउंड क्वालिटी बहुत अच्छी है।

11 – आउटडोर स्पीकर ( Outdoor Speaker)

आउटडोर स्पीकर वेदरप्रूफ होते हैं, इस प्रकार के स्पीकर को आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्पीकर या सिस्टम के रूप में खरीद सकते हैं।

स्पीकर के उपयोग क्या है? (Uses Of Speaker In Hindi)

अब तक आप अच्छे से समझ गए होंगे कि स्पीकर क्या है, अब हम इसके उपयोग के बारे में जानेंगे। स्पीकर के निम्नलिखित उपयोग हैं –

  • कंप्यूटर में वीडियो या ऑडियो की आवाज सुनी जा सकती है।
  • बड़ी संख्या में लोगों तक आवाज पहुंचाने के लिए स्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है।
  • स्पीकर्स का इस्तेमाल शादियों, पार्टियों आदि में किया जाता है।
  • स्पीकर का उपयोग बिजनेस मीटिंग में भी किया जाता है।
  • रेलवे, एयरपोर्ट में यात्रियों को सूचना देने के लिए स्पीकर का उपयोग किया जाता है।
  • इनके अलावा भी स्पीकर के कई उपयोग हैं।

स्पीकर के फायदे क्या है? (Advantage Of Speaker In Hindi)

स्पीकर के निम्नलिखित फायदे हैं –

  • अलग-अलग जगहों पर इस्तेमाल के लिए अलग-अलग साइज के स्पीकर बाजार में उपलब्ध हैं।
  • लाउडस्पीकरों की मदद से, एक बड़े क्षेत्र में बड़ी संख्या में दर्शकों को कवर करने के लिए उच्च आयाम वाली ध्वनि तरंगें उत्पन्न की जा सकती हैं।
  • स्पीकर का उपयोग करना बहुत आसान और सरल है, इसे कोई भी बिना किसी प्रशिक्षण के उपयोग कर सकता है।
  • स्पीकर की सहायता से आप कम्प्यूटर में किसी भी प्रकार के मल्टीमीडिया को सुन सकते हैं।
  • अगर स्पीकर की ठीक से देखभाल की जाए तो यह लंबे समय तक चलता है।

स्पीकर के नुकसान क्या है? (Disadvantage Of Speaker In Hindi)

स्पीकर के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं –

  • कुछ स्पीकर आकार में बड़े और भारी होते हैं। इन्हें रखने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत होती है।
  • स्पीकर का उपयोग करने के लिए अलग से बिजली की आवश्यकता होती है।
  • अधिकांश अच्छी गुणवत्ता वाले स्पीकर महंगे होते हैं।
  • स्पीकर उच्च आयाम वाली ध्वनि तरंगें उत्पन्न करते हैं जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनता हैं।

FAQs For Speaker Kya Hota Hai

स्पीकर को हिंदी में क्या कहते है?
स्पीकर को हिंदी में वक्ता कहा जाता है।

स्पीकर को हिंदी में क्या बोलते हैं?
स्पीकर को हिंदी में वक्त बोलते है।

स्पीकर कौन सा डिवाइस है?
स्पीकर कंप्यूटर का आउटपुट डिवाइस है।

स्पीकर का उपयोग क्या है?
स्पीकर का इस्तेमाल कंप्यूटर या किसी डिवाइस से निकलने वाली आवाज (ध्वनि को सुनने के लिए किया जाता है।

स्पीकर का आविष्कार कब हुआ था?
1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को पहले लाउडस्पीकर के लिए पेटेंट मिला था।

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लेख के बारे में

इस लेख के माध्यम से हमने आपको स्पीकर क्या होता है (Speaker Kya Hota Hai) के बारे में पूरी जानकारी दी है और साथ ही आपने स्पीकर के प्रकार और स्पीकर कैसे काम करता हैं के बारे में जाना।

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