QR Code Kya Hota Hai: आजकल हम सभी ने ऑनलाइन पेमेंट करना शुरू कर दिया है। ज्यादातर जब भी ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो आपको क्यूआर कोड का नाम सुनाई देता है। जब भी हम कोई खरीदारी करते हैं या किसी को पैसे ट्रांसफर करते हैं तो आपको क्यूआर कोड स्कैन करना होता है। इनके जरिए पेमेंट करना बेहद आसान हो जाता है। सिर्फ पेमेंट के लिए ही नहीं बल्कि किसी भी पैकेट पर क्यूआर कोड भी नजर आता है, जो बेहद जरूरी है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यूआर कोड क्या है, क्यूआर कोड कितने प्रकार के होते हैं, क्यूआर कोड का आविष्कार किसने किया, क्यूआर कोड का उपयोग क्या हैं, क्यूआर कोड के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्यूआर कोड और बारकोड में क्या अंतर है।
दोस्तों आपने कभी न कभी अपने स्मार्टफोन से कोई क्यूआर कोड तो स्कैन किया ही होगा, आपने ज्यादातर डिजिटल पेमेंट में क्यूआर कोड स्कैन किया होगा।
अगर आप क्यूआर कोड के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पूरा पढ़ें, इसमें आपको क्यूआर कोड से संबंधित बहुत सी उपयोगी जानकारी मिलेगी।
तो इस लेख के अंत तक बने रहें। आइए बिना समय बर्बाद किए जानते हैं कि क्यूआर कोड क्या है (What Is QR Code In Hindi) –
क्यूआर कोड क्या है? (QR Code Kya Hai In Hindi)
क्यूआर एक प्रकार का 2 डायमेंशन बारकोड है जिसे मशीन द्वारा पढ़ा जाता है। क्यूआर कोड में किसी भी प्रोडक्ट की जानकारी स्टोर होती है।
क्यूआर कोड को बारकोड रीडर या स्मार्टफोन के कैमरे से पढ़ा जा सकता है। अधिक जानकारी क्यूआर कोड में संग्रहीत की जा सकती है। क्यूआर कोड बारकोड से काफी बेहतर होते हैं।
क्यूआर कोड का पूरा नाम क्विक रिस्पांस कोड होता है, इसे सबसे पहले जापान में बनाया गया था। क्यूआर कोड में छिपी जानकारी को केवल मशीन द्वारा ही पढ़ा जाता है।
क्यूआर कोड का पूरा नाम क्या है? (QR Code Ka Full Form Kya Hai)
क्यूआर कोड का फुल फॉर्म होता है – क्विक रिस्पांस कोड (Quick Response Code)।
क्यूआर कोड की संरचना (Structure Of QR Code In Hindi)
क्यूआर कोड की संरचना वर्गाकार होती है। इसमें सफेद बैकग्राउंड में ब्लैक बॉक्स बने रहते हैं। क्यूआर कोड के तीन कोनों में वर्गाकार बॉक्स बने रहते हैं। क्यूआर कोड के अंदर किसी भी उत्पाद के बारे में काफी जानकारी छिपी होती है।
क्यूआर कोड ज्यादातर काले और सफेद रंग के होते हैं लेकिन उन्हें रंगीन में भी उत्पन्न किया जा सकता है। क्यूआर कोड को आवश्यकता के अनुसार अनुकूलित किया जा सकता है।
क्यूआर कोड का इतिहास (History Of QR Code In Hindi)
क्यूआर कोड का आविष्कार सबसे पहले 1994 में एक जापानी कंपनी डेंसो वेव में मासाहिरो हारा ने किया था। डेन्सो वेव टोयोटा ग्रुप्स की एक कंपनी थी। शुरुआत में वाहनों की ट्रैकिंग के लिए क्यूआर कोड बनाया गया था।
लेकिन धीरे-धीरे क्यूआर कोड का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों में भी होने लगा। आज के समय में क्यूआर कोड का इस्तेमाल कई कामों में किया जाता है, क्योंकि क्यूआर कोड बिजनेस और पर्सनल दोनों कामों के लिए काफी उपयोगी साबित होते हैं।
क्यूआर कोड के प्रकार (Types Of QR Code In Hindi)
संरचना के आधार पर मुख्य रूप से दो प्रकार के क्यूआर कोड होते हैं –
- Static QR Code
- Dynamic QR Code
1 – स्टेटिक क्यूआर कोड (Static QR Code)
स्टेटिक क्यूआर कोड वे होते हैं जिनमें एक बार जानकारी डालने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता। इस तरह के क्यूआर कोड का इस्तेमाल ऐसी जगह पर किया जाता है, जहां जानकारी को अपडेट करने की जरूरत नहीं होती।
उदाहरण के लिए किसी वेबसाइट के यूआरएल आदि को स्टोर करने के लिए इसमें सीमित जानकारी ही संग्रहित की जा सकती है।
2 – डायनेमिक क्यूआर कोड (Dynamic QR Code)
डायनेमिक क्यूआर कोड वे होते हैं जिनमें जानकारी को स्टोर करने के बाद भी बदला जा सकता है। स्टैटिक क्यूआर कोड की तुलना में डायनेमिक क्यूआर कोड में अधिक जानकारी स्टोर की जाती है।
डायनेमिक क्यूआर कोड का इस्तेमाल ऐसे कामों में किया जाता है, जहां इनफार्मेशन को बार-बार अपडेट करने की जरूरत होती है। जैसे किसी कंपनी के प्रोडक्ट की जानकारी में बदलाव होते रहते हैं।
क्यूआर कोड कैसे बनाये? (How To Create QR Code In Hindi)
यदि आप अपने व्यवसाय, वेबसाइट या किसी अन्य कार्य के लिए QR कोड बनाना चाहते हैं, तो इंटरनेट पर ऐसे कई उपकरण उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा आप अपना QR कोड जनरेट कर सकते हैं –
हमने नीचे क्यूआर कोड बनाने के लिए कुछ वेबसाइटों का सुझाव दिया है –
Https://Www.Forqrcode.Com/
Https://Www.Free-Qr-Code.Net/
Https://Www.Qr-Code-Generator.Com/
आप इनमें से किसी एक टूल का उपयोग करके QR कोड को आसानी से स्कैन कर सकते हैं।
क्यूआर कोड कैसे स्कैन करें?
आप अपने स्मार्टफोन के कैमरे से भी क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं। क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए किसी विशेष प्रकार के बारकोड रीडर की आवश्यकता नहीं होती है।
अगर किसी कारण से आप क्यूआर कोड को स्कैन नहीं कर पा रहे हैं तो आप किसी भी प्रकार के क्यूआर कोड स्कैनर एप्लिकेशन को इंस्टॉल करके क्यूआर कोड का उपयोग कर सकते हैं। क्यूआर कोड स्कैनर एप्लीकेशन आपको प्लेस्टोर पर मिल जाएगी।
क्यूआर कोड जरुरी क्यों है?
क्यूआर कोड क्या है ये तो आपको थोड़ा बहुत पता चल गया होगा। जो लोग पहले से ही इंटरनेट से जुड़े हुए हैं वो शायद पहले से ही जानते होंगे की क्यूआर कोड क्या होता है। यह दिखने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन छोटे व्यवसाय के मालिक और एंटरप्रेन्योर को इसके बारे में जरूर पता होना चाहिए।
अब आप सोच सकते हैं कि जब हम सीधे किसी को कोई जानकारी दे सकते हैं तो उसे ऐसे पैटर्न या कोड में बदलने की क्या जरूरत है।
इस बात को अगर एक उदाहरण से समझा जाए तो आजकल बहुत सारे पेमेंट एप्लिकेशन जैसे गूगल पे, फ़ोन पे आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये ऐप आपके बैंक से जुड़े मोबाइल नंबर या UPI आईडी पर काम करते हैं।
अगर कोई दुकानदार हर पेमेंट के लिए अपना मोबाइल नंबर या UPI ID बताने की बजाय प्रिंटेड QR कोड का इस्तेमाल करता है तो उसका और ग्राहकों दोनों का काम आसान हो सकता है। इस कोड में छिपी जानकारी दुकानदार के बैंक खाते से जुड़ी होगी। ऐसे और भी कई क्षेत्र हैं जहां क्यूआर कोड की मदद से चीजों को सरल बनाया जा सकता है।
क्यूआर कोड कितना सुरक्षित हैं?
क्यूआर कोड को स्कैन करना ज्यादा सुरक्षित नहीं माना जाता है। क्योंकि स्कैनर को यह नहीं पता होता है कि इस क्यूआर कोड में कौन सी जानकारी एनकोडेड है। लेकिन अभी भी इसका ज्यादा खतरा नहीं है। आप किसी अनजान वेबसाइट या ऐप पर ही जाएंगे। इससे ज्यादा कुछ नहीं होगा।
इसलिए क्यूआर कोड को स्कैन करने से पहले उसे प्रकाशित करने वाले लोग, संस्था के बारे में पता होना चाहिए। और जब आपको लगे कि यह संस्था, व्यक्ति पर भरोसा किया जा सकता है। इसके बाद ही उनके द्वारा बनाए गए कोड को स्कैन करें।
क्यूआर कोड में क्या स्टोर किया जा सकता है?
इसे बहुत ही सरल भाषा में कहें तो क्यूआर कोड ‘इमेज-बेस्ड हाइपरटेक्स्ट लिंक’ है जिसका हम ऑफलाइन मोड में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें हम किसी भी यूआरएल को Encode कर सकते हैं जिससे अगर कोई QR Code को स्कैन करता है तो वह वेबसाइट आसानी से खुल सके।
उदाहरण के लिए अगर आप चाहते हैं कि कोई आपके फेसबुक पेज को लाइक करे तो आप उस क्यूआर कोड में अपने फेसबुक पेज का यूआरएल दे सकते हैं, ताकि अगर कोई उसे स्कैन करना चाहे तो वह आपके फेसबुक पेज पर रीडायरेक्ट हो जाए।
वैसे अगर आप किसी वीडियो को वायरल करना चाहते हैं तो उसके यूआरएल को उस क्यूआर कोड में स्टोर कर लें। इसका उपयोग असीमित है। इसी तरह आप किसी के मोबाइल नंबर के साथ भी ऐसा कर सकते हैं।
क्यूआर कोड और बारकोड में अंतर (QR Code Vs Barcode In Hindi)
क्यूआर कोड निम्नलिखित तरीकों से बारकोड से अलग है –
- क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए किसी बारकोड रीडर या अन्य स्कैनर की जरूरत नहीं है, इसे स्मार्टफोन के कैमरे से भी स्कैन किया जा सकता है। जबकि बारकोड को स्कैन करने के लिए बारकोड रीडर की जरूरत होती है।
- क्यूआर कोड में बारकोड की तुलना में अधिक जानकारी संग्रहीत की जा सकती है।
- क्यूआर कोड बारकोड की तुलना में तेजी से स्कैन होते हैं।
- बारकोड के काटने – फटने जाने पर इसे स्कैन नहीं किया जा सकता, जबकि क्यूआर कोड के कटने – फटने जाने पर भी उससे जानकारी निकाली जा सकती है।
- बारकोड को बाएं से दाएं पढ़ा जाता है जबकि क्यूआर कोड को किसी भी दिशा से स्कैन किया जा सकता है।
- बारकोड 1 डायमेंशन होते हैं जबकि क्यूआर कोड 2 डायमेंशन होते हैं।
क्यूआर कोड के उपयोग (Uses Of QR Code In Hindi)
आज के समय में क्यूआर कोड का इस्तेमाल कई कामों में किया जाता है जैसे –
- क्यूआर कोड का उपयोग डिजिटल वॉलेट जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोनपे आदि में लेनदेन को गति देने या जल्दी करने के लिए किया जाता है।
- शॉपिंग और ई-कॉमर्स वेबसाइट अपने ग्राहकों को छूट, प्रोमो आदि देने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग करती हैं।
- क्यूआर कोड का इस्तेमाल बिजनेस लोकेशन देखने के लिए भी किया जाता है, बिजनेस वेबसाइट पर क्यूआर कोड को स्कैन करके विजिटर बिजनेस लोकेशन देख सकते हैं और ऑफिस तक पहुंच सकते हैं।
- विजिटर को साइन अप पृष्ठ या लैंडिंग पृष्ठ पर ले जाने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन किया जा सकता है।
- अपने दोस्तों के साथ वाई-फाई शेयर करने के लिए आप पासवर्ड की जगह क्यूआर कोड स्कैन करवा सकते हैं।
- सोशल मीडिया पर पेज को प्रमोट करने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाता है, यूजर को यूआरएल न दिखाकर आप क्यूआर कोड को स्कैन करवा सकते हैं, ताकि यूजर आपके पेज को तेजी से खोल सके।
- बड़े ब्रांड अपने व्यावसायिक विज्ञापनों में क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं, वे उपयोगकर्ता को वेबसाइट के यूआरएल के बजाय क्यूआर कोड स्कैन करवाते हैं ताकि उपयोगकर्ता उनकी वेबसाइट पर जल्दी पहुंच सके।
- क्यूआर कोड का उपयोग बिजनेस कार्ड में अपने व्यवसाय का विवरण भरने के लिए किया जाता है।
- क्यूआर कोड का इस्तेमाल मैसेज और ई-मेल भेजने में भी किया जाता है।
क्यूआर कोड की विशेषताएं (Features Of QR Code In Hindi)
- क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से भी स्कैन किया जा सकता है। इसके लिए किसी खास बारकोड रीडर की जरूरत नहीं है।
- यह बारकोड बहुमुखी है। इससे हम लगभग सभी प्रकार के बाइनरी, न्यूमेरिकल, अल्फाबेट्स डेटा को एनकोड कर सकते हैं।
- क्यूआर कोड तेजी से स्कैन करता है। यानी यह अन्य बारकोड की तुलना में अधिक पठनीय है।
- अन्य प्रकार (1D, 2D) बारकोड की तुलना में क्यूआर कोड में बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर किया जा सकता है।
क्यूआर कोड के फायदे (Advantage Of QR Code In Hindi)
क्यूआर कोड का उपयोग करने के कई फायदे हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
- क्यूआर कोड का इस्तेमाल बिजनेस में बिक्री बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- बिजनेस कार्ड में सभी जानकारी भरने के लिए क्यूआर कोड बहुत उपयोगी होते हैं।
- क्यूआर कोड डिजिटल भुगतान को तेजी से करने के लिए उपयोगी होते हैं।
- क्यूआर कोड में आप अपने व्यवसाय के बारे में बहुत सारी जानकारी जोड़ सकते हैं।
- उपयोगकर्ता को वेबसाइट के किसी विशेष पृष्ठ पर ले जा सकते है।
- क्यूआर कोड की मदद से आप बिना नंबर दिखाए मैसेज भेज सकते हैं।
- आप अपने नए लोकेशन को गोल मैप के साथ लिंक कर सकते हैं।
क्यूआर कोड के नुकसान (Disadvantages Of QR Code In Hindi)
क्यूआर कोड के एक ओर जहां कई फायदे हैं, वहीं दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान भी हैं –
हमलावर आपसे ऐसे क्यूआर कोड को स्कैन करवा सकते हैं जिससे आप ऐसी वेबसाइट तक पहुंच सकें जो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसलिए हर तरह के क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें। सिर्फ उन्हीं क्यूआर कोड को स्कैन करें जो भरोसेमंद हों।
FAQs For QR Code Kya Hota Hai
क्यूआर कोड का पूरा नाम क्या है?
क्यूआर कोड का पूरा नाम क्विक रिस्पांस कोड है।
क्यूआर कोड का आविष्कार किसने किया?
क्यूआर कोड का आविष्कार 1994 में एक जापानी कंपनी डेंसो वेव ने किया था।
बारकोड और क्यूआर कोड में क्या अंतर है?
बारकोड और क्यूआर कोड के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि बारकोड केवल 1 डायमेंशन होते हैं जबकि क्यूआर कोड 2 डायमेंशन होते हैं।
क्यूआर कोड मोबाइल से कैसे स्कैन करें?
क्यूआर कोड को आप अपने स्मार्टफोन के कैमरे से भी स्कैन कर सकते हैं, इसे स्कैन करने के लिए किसी खास बारकोड रीडर की जरूरत नहीं होती है। अगर किसी कारण से आप क्यूआर कोड को स्कैन नहीं कर पा रहे हैं तो आप किसी भी प्रकार के क्यूआर कोड स्कैनर एप्लिकेशन को इंस्टॉल करके क्यूआर कोड का उपयोग कर सकते हैं।
व्हाट्सएप क्यूआर कोड क्या है?
व्हाट्सएप क्यूआर कोड की मदद से आप किसी भी ब्राउजर में व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर सकते हैं। और व्हाट्सएप यूजर की जानकारी ले सकते है।
कितने प्रकार के होते हैं क्यूआर कोड?
क्यूआर कोड दो प्रकार के होते हैं – स्टेटिक क्यूआर कोड और डायनेमिक क्यूआर कोड।
क्यूआर कोड के जनक कौन है?
क्यूआर कोड का आविष्कार सबसे पहले 1994 में एक जापानी कंपनी डेंसो वेव में मासाहिरो हारा ने किया था।
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लेख के बारे में –
इस लेख में हमने आपको क्यूआर कोड क्या होता है (QR Code Kya Hota Hai) और क्यूआर कोड के बारे में पूरी जानकारी दी है जो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हुई होगी।
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