What Is BIOS In Hindi: आज का समय कंप्यूटर का है। अगर हम अपने आसपास देखें तो लगभग सारा काम कंप्यूटर से होता है। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना एक सिस्टम है। सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के अपने विशेष कार्य होते हैं।
कंप्यूटर में कई तरह के सॉफ्टवेयर होते हैं जो यूजर के लिए कंप्यूटर पर काम करना आसान बना देते हैं। लेकिन कुछ सॉफ्टवेयर ऐसे भी हैं जिनके बिना कंप्यूटर अपना काम नहीं कर सकता जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, BIOS।
हम आपको ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पिछले लेख में बता चुके हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बायोस क्या है, कंप्यूटर में बायोस का कार्य क्या है, बायोस को कैसे एक्सेस करें, बायोस को कैसे अपडेट करें और बायोस को कैसे रीसेट करें के बारे में जानकारी देने वाले है।
अगर आप बायोस के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं कि बायोस क्या है (BIOS Kya Hota Hai) –
बायोस क्या है? (BIOS Kya Hai In Hindi)
कंप्यूटर चालू करते ही आपके सामने जो स्क्रीन दिखाई देती है वह बायोस के कारण ही संभव है। इसका कार्य किसी भी कंप्यूटर को चालू करना होता है।
बायोस (BIOS) कंप्यूटर में मौजूद एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है। यह कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम है और जब कंप्यूटर चालू होता है तब बायोस काम में आता है। जब कंप्यूटर स्टार्ट होता है, तो सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम में चलने वाला पहला प्रोग्राम बायोस ही होता है।
बायोस को बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम कहा जाता है, जो हमारे कंप्यूटर की मौलिक गतिविधियों, आउटपुट डिवाइस और इनपुट डिवाइस और बुनियादी घटकों को कॉन्फ़िगर या प्रारंभ करता है। बायोस मदरबोर्ड से जुड़ा होता है और रोम में स्टोर होता है।
बायोस सभी कंप्यूटरों में पहले से इंस्टॉल होता है। सीपीयू के सभी प्रोग्राम्स बायोस के बाद ही इनस्टॉल हो पाते हैं। बायोस में इनपुट, आउटपुट डिवाइस और कंप्यूटर के महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कोड होता है।
बायोस का फुल फॉर्म क्या है? (BIOS Full Form In Hindi)
बायोस का फुल फॉर्म बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (Basic Input Output System) है।
बायोस का इतिहास (History Of BIOS In Hindi)
बायोस को दुनिया के सामने लाने वाले पहले व्यक्ति गैरी किल्डल थे जिन्होंने 1975 में बायोस को विकसित किया था। गैरी किल्डल एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। उस समय बायोस को CP/M (कंट्रोल प्रोग्राम/मॉनिटर) ऑपरेटिंग सिस्टम में शामिल किया गया था।
जल्द ही, यह पर्सनल कंप्यूटर का हिस्सा बन गया और माइक्रोसॉफ्ट के डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOC) के आने के साथ बायोस बहुत लोकप्रिय हो गया। बायोस 1981 में IBM के पहले PC का हिस्सा था। बहुत जल्द बायोस पीसी का एक प्रमुख हिस्सा बन गया।
बायोस कैसे काम करता है? (BIOS Work In Hindi)
जब भी आप अपने कंप्यूटर को ऑन करते हैं, तो बायोस CMOS सेटिंग की जांच करता है। उसके बाद बायोस यह तय करता है कि इसे किस डिवाइस से सिस्टम पोर्ट करवाया जाए। फिर यह ऑपरेटिंग सिस्टम को कॉल करता है और आपका कंप्यूटर स्टार्ट कर दिया जाता ह। बायोस का काम केवल कंप्यूटर को स्टार्ट करना या कंप्यूटर को बूट करना है।
बायोस के प्रकार (Types Of BIOS In Hindi)
बायोस मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं –
- UEFI
- Legacy
UEFI – यूईएफआई का पूर्ण रूप यूनिफाइड एक्स्टेंसिबल फर्मवेयर इंटरफेस है जो 2.2TB या 2.2TB से अधिक आकार के ड्राइव को सपोर्ट करता है। यह पुराने MBR (मास्टर बूट रिकॉर्ड) के बजाय नए GPT का उपयोग करता है।
Legacy – इस प्रकार के बायोस हमें पुराने मदरबोर्ड में देखने को मिलते हैं। पीसी को स्टार्ट करने के लिए पुराने मदरबोर्ड में लिगेसी BIOS का उपयोग किया जाता था। इस प्रकार का BIOS 2.1TB से बड़े ड्राइव को सपोर्ट नहीं करता है।
बायोस का कार्य (Function of BIOS In Hindi)
जब हम कंप्यूटर को स्टार्ट करते हैं तो बायोस के कई कार्य होते हैं –
- बायोस CMOS की सभी सेटिंग्स को पढ़ता और जांचता है, ताकि सभी चीजें ठीक से काम सके।
- इसके बाद बायोस सभी ड्राइवर को लोड करता है ताकि ऑपरेटिंग सिस्टम और कनेक्ट डिवाइस एक दूसरे के साथ आपस में संचार कर सकें।
- इसके बाद बायोस सीपीयू के सभी रजिस्टर को ठीक से उपयोग करने के लिए तैयार करता है।
- रजिस्टर तैयार करने के बाद, BIOS POST (पॉवर ऑन सेल्फ टेस्ट) को परफॉर्म है।
POST की प्रक्रिया में, बायोस सभी हार्डवेयर जैसे कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर आदि का परीक्षण करता है। - POST प्रक्रिया के बाद, बायोस तय करता है कि कौन से डिवाइस बूट हो सकते है। इसे रीड करता है और आवश्यक फाइलों को रेम में लोड करता है। इस तरह हमारा कंप्यूटर चालू होता है।
कंप्यूटर में बायोस कहाँ स्टोर रहता है?
बायोस मदरबोर्ड में लगी एक इलेक्ट्रॉनिक चिप में संग्रहित (स्टोर) रहता है और इस इलेक्ट्रॉनिक चिप को CMOS (Complementary Metal Oxide Semiconductor) कहा जाता है। संपूर्ण बायोस सेटिंग CMOS में स्टोर रहती है।
CMOS चिप बैटरी से पावर प्राप्त करती है यानी CMOS चिप को बैटरी से पावर मिलती है और जब बैटरी को निकाल कर फिर से लगाया जाता है तो CMOS की सभी सेटिंग्स डिफ़ॉल्ट हो जाती हैं। जब हम कंप्यूटर की सेटिंग में कोई बदलाव करते हैं, तो CMOS BIOS की सभी सेटिंग्स को सुरक्षित रखता है।
CMOS चिप नॉन वोलेटाइल रोम है, लेकिन यह ROM EEPROM होता है। इस कारण से हम बायोस की सेटिंग को अपडेट और राइट भी कर सकते हैं।
बायोस सेट को कैसे ओपन करें (How To Access BIOS In Hindi)
बायोस तक पहुँचने के लिए, जब आप अपने कंप्यूटर को ऑन करते हैं तो ऑन करने के तुरंत बाद आपको कीबोर्ड से F2, F12, Esc या Delete कोई भी कुंजी दबानी होती है। कुंजी दबाते ही आपकी बायोस सेटिंग खुल जाती है। यहां से आप अपने बायोस की सेटिंग देख सकते हैं और उसमें बदलाव भी कर सकते हैं।
यदि आपका कंप्यूटर चालू है तो आप कंप्यूटर को रीस्टार्ट करें और कुंजी दबाएं, तो आपकी बायोस सेटिंग खुल जाएगी। बायोस सेटिंग को एक्सेस करने के लिए आपको ध्यान देना होगा कि विंडोज लोगो दिखने से पहले कुंजी दबाएं। आप F10 कुंजी दबाकर बायोस सेटिंग से बाहर आ सकते हैं।
पीसी में बायोस की कुंजी अलग है, यह निर्माता कंपनियों के आधार पर बदलती है।
बायोस को कैसे अपडेट करें (How to Update BIOS In Hindi)
यदि आपका कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की सभी सुविधाओं का उपयोग करने में असमर्थ है, तो आपको बायोस को अपडेट करने की आवश्यकता है। बायोस के नवीनतम संस्करण को अपडेट करने के बाद इसमें कुछ अतिरिक्त फंक्शन्स भी जुड़ जाते हैं, जिससे सभी त्रुटियाँ और बग भी दूर हो जाते हैं।
बायोस को अपडेट करने से पहले यह जांचना भी जरूरी है कि विंडोज में आपके बायोस का वर्जन कौन सा है। इसके लिए नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें।
- पीसी ऑन करने के बाद विंडोज और आर दबाएं।
- सर्च बार में Msinfo32 टाइप करें और एंटर की दबाएं।
- अब आपके सामने सिस्टम इंफॉर्मेशन विंडो खुल जाएगी, यहां से आप अपने पीसी में बायोस का मौजूदा वर्जन देख सकते हैं।
निर्माता कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट से बायोस को अपडेट करें
अपने पीसी में बायोस के संस्करण का पता लगाने के बाद आपको यह पता लगाना होगा कि बायोस का अपडेटेड वर्शन उपलब्ध है या नहीं। इसके लिए आप अपने पीसी निर्माता की आधिकारिक वेबसाइट पर जाए और यहां से बायोस की अपडेटेड फाइल को डाउनलोड करें। यदि आपका पीसी ब्रांडेड नहीं है तो आप अपने मदरबोर्ड निर्माता की आधिकारिक वेबसाइट पर बायोस की अपडेटेड फाइल डाउनलोड कर सकते हैं।
बायोस को अपडेट करने के लिए सभी प्रोग्राम्स से बाहर निकलें और फाइल को रन करें। जब यह इंस्टॉल हो जाएगा तो आपका पीसी रीबूट होगा और बायोस को अपडेट करेगा।
बायोस को कैसे रीसेट करें (How to Reset BIOS In Hindi)
यदि आप अपने पीसी में बूटिंग की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप बायोस सेटिंग को रीसेट कर सकते हैं और इसे डिफ़ॉल्ट पर सेट कर सकते हैं। इसके लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें –
- सबसे पहले पावर बटन दबाकर पीसी को पूरी तरह से बंद कर दें।
- अब पीसी को रीस्टार्ट करें और बायोस तक पहुंचने के लिए कुंजी दबाएं।
- सेटअप डिफॉल्ट वाले विकल्प पर क्लिक करें।
- परिवर्तनों को सहेजने के लिए F10 दबाएं और एंटर कुंजी दबाएं। और बायोस सेटिंग से बाहर निकलें।
- इस तरह आप बायोस को रीसेट कर सकते हैं और इसे डिफ़ॉल्ट पर सेट कर सकते हैं।
CMOS क्या हैं? (What Is CMOS In Hindi)
CMOS का पूरा नाम कॉम्प्लिमेंट्री मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर (Complementary Metal Oxide Semiconducto) है। यह एक बैटरी है जो बायोस में स्टोर भी सेटिंग्स को स्टोर करती है और इसके कारण ही बायोस कंप्यूटर बूटिंग प्रक्रिया को शुरू करता है। यह एक छोटा सा सेल होता है जिसके कारण कंप्यूटर की तारीख/समय और अन्य सभी बुनियादी जानकारी सेव रहती है। जब यह बैटरी समाप्त हो जाती है या हटा दी जाती है तो बायोस सेटिंग्स रीसेट हो जाती हैं।
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FAQs For BIOS Kya Hota Hai In Hindi
बायोस का आविष्कार किसने किया?
बायोसका आविष्कार 1975 में अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक गैरी किल्डल ने किया था।
बायोस का पूरा नाम क्या है?
बायोस का फुल फॉर्म बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (Basic Input Output System) होता है।
कंप्यूटर में बायोस कहाँ स्थित होता है?
बायोस की सभी सेटिंग मदरबोर्ड में लगी एक चिप में स्टोर होती है जिसे CMOS कहा जाता है।
लेख के बारे में
इस लेख को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे की बायोस क्या है (BIOS Kya Hai In Hindi)। इस लेख में, हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें करें।