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वेद कितने हैं उनके नाम, वेद कितने प्रकार के है - Ved Kitne Hain Naam

वेद कितने हैं उनके नाम, वेद कितने प्रकार के होते हैं – Ved Kitne Prakar Ke Hote Hain

Ved Kitne Hain Unke Naam: हिंदू धर्म में वेदों को ज्ञान का भंडार कहा जाता है। सदियों से अब तक और पीढ़ी दर पीढ़ी मनुष्य वेदों के ज्ञान से मार्गदर्शित होता आया है। वेदों और पुराणों से मनुष्य को आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं वेद कितने हैं, वेद कितने प्रकार के होते हैं, वेद के नाम क्या है, अगर नहीं तो आज के इस लेख को पूरा जरूर पढ़े। क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको इसके बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानते है वेद कितने प्रकार के है (Ved Kitne Prakar Ke Hain) –

वेद कितने प्रकार के होते हैं (Ved Kitne Prakar Ke Hote Hain In Hindi) 

वेद चार प्रकार के होते है। ऐसा कहा जाता है कि वेदों का ज्ञान ईश्वर से ऋषियों तक, ऋषियों से शिष्यों तक और इसी तरह से आम लोगों तक पहुंचा। इसीलिए वेदों को श्रुति भी कहा जाता है। श्रुति का मतलब होता है – सुना हुआ।

वेद कितने हैं उनके नाम (Ved Kitne Hai Unke Naam)

वेद चार (4) है, उनके नाम है – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। ये चारों वेद महर्षि वेदव्यास जी द्वारा लिखे गए है।

इन वेदों के उपवेद है – ऋग्वेद का आयुर्वेद, यजुर्वेद का धनुर्वेद, सामवेद का गंधर्ववेद और अथर्ववेद का अर्थ शास्त्र।

इन वेदों के बारे में (About These Ved In Hindi)

ऋग्वेद (Rigveda)

सबसे पहला वेद ऋग्वेद है, जो पद्घात्मक है। ऋग्वेद में इंद्र, अग्नि, रुद्र,वरुण, मरुत, सवित्रु ,सूर्य व दो अश्विनी देवताओं की स्तुति है। इसके 10 अध्याय में 1028 सूक्त में 11 हजार मंत्र है। ऋग्वेद में लगभग 125 ऐसी औषधियों के बारे में जिक्र किया गया है, जो 107 स्थानों पर पाई जाती है। ऋग्वेद की 5 शाखाएं हैं, जिसमे शामिल है – शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शांखायन व मंडूकायन।

यजुर्वेद (Yajurveda)

यजुर्वेद के अंदर अग्नि के माध्यम से देवताओं को दिए जाने वाले आहुति के बारे में वर्णन किया गया है। यजुर्वेद में यज्ञ की विधियां और मंत्रों के बारे में जिक्र मिलता है. इसके अतिरिक्त तत्वज्ञान के विषय में भी यजुर्वेद में बताया गया है। यजुर्वेद की दो शाखाएं है – शुक्ल और कृष्ण। शुक्ल (उज्ज्वल) यजुर्वेद के लिए 17 शाखाएं और कृष्ण (अंधेरा) यजुर्वेद के लिए 101 हैं।

सामवेद (Samaveda)

‘साम’ का मतलब गीत-संगीत से होता है। सामवेद में श्लोक के द्वारा गाए जाने वाले हैं। इसलिए सामवेद का संगीत शास्त्र में ख़ास महत्व होता है। सामवेद में सविता, अग्नि व इंद्र देवों का जिक्र मिलता है। सामवेद के अधिकांश श्लोक ऋग्वेद से लिए गए हैं और कुछ नए श्लोक भी जोड़े गए है, तो वहीं कुछ को दोहराया भी गया है। कुल मिलाकर इस वेद में 1875 श्लोक हैं। ये श्लोक जपने नहीं बल्कि गाए जाने के हेतु हैं। इसलिए इसे सामवेद को ‘सामगान’ भी कहा जाता है।

अथर्ववेद (Atharvaveda)

अथर्ववेद के अंदर रहस्यमयी विद्घाओं, चमत्कार व आयुर्वेद का वर्णन प्राप्त होता है, जो सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए उपयोगी कर्मकांड है। इसमें वर्णन मिलता है कि रोगों को कैसे ठीक किया जाए, पापों और उसके प्रभावों को कैसे दूर किया जाए, साथ ही धन प्राप्त करने के क्या साधन है। अर्थवेद के 20 अध्यायों में 5687 मंत्र है, साथ ही आठ खंड में धातु वेद व भेषद वेद मिलते हैं।

वेदों के रचयिता कौन हैं (Vedo Ke Rachiyata Kaun Hai)

वेद इसलिये विशेष है क्योंकि इसकी रचना मनुष्यों द्वारा नहीं की गयी। ऐसा कहा जाता है कि वेदों का ज्ञान ईश्वर से ऋषियों तक, ऋषियों से शिष्यों तक और इसी तरह आम लोगों तक पहुंचा, इसीलिए वेदों को श्रुति भी कहा जाता है। ‘श्रुति’ का अर्थ है ‘सुना हुआ’। वेदों को भगवान ने सूक्ष्म तरंगों के रूप में तब प्रकट किया, जब ऋषि ज्ञान के लिए गहरी तपस्या में थे।

इसीलिए वेदों को ऋषियों ने सुना और फिर उन्हें ‘श्रुति’ कहा गया। ऋषियों ने मानव जाति के लाभ व कल्याण हेतु इस ज्ञान को साझा किया और वेदों के ज्ञान को अपने शिष्यों को सुनाना शुरू किया। इसके बाद शिष्यों ने अपने शिष्यों को वेदों का ज्ञान सिखाया।

इसीलिए कहा जाता है कि वेद नित्य है, इसकी रचना किसी ने नहीं की है। इसलिए वेदों की उत्पत्ति का पता नहीं लगाया जा सकता। वेदों को मनुष्यों द्वारा सरल भाषा का उपयोग करके लिखा गया है।

वेद किसके द्वारा लिखे गए थे?

ऐसा कहा जाता है कि वेद अनंत हैं और वेदों के ज्ञान का न तो आदि है और न ही अंत। ऋषि वेदव्यास द्वारा वेदों के संपूर्ण ज्ञान को 4 प्रकारों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद) में विभाजित किया गया था। महर्षि वेदव्यास जी द्वारा वेद लिखे गए थे, वेदव्यास जी द्वारा वेदों को सिर्फ लिपिबद्ध किया गया है।

उपवेद कितने हैं (Upved Kitne Hai In Hindi)

उपवेद भी चार (4) है, उनके नाम है – आयुर्वेद, धनुर्वेद, गंधर्ववेद, और अर्थ शास्त्र।

FAQs

हिंदू धर्म में 4 वेद कौन से हैं?
हिंदू धर्म में 4 वेद है – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।

हिंदू वेद किसने लिखा था?
हिंदू वेद वेदव्यास जी द्वारा लिखे गए थे।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको वेद कितने हैं उनके नाम, वेद कितने प्रकार के होते हैं के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख वेद कितने प्रकार के होते हैं (Ved Kitne Prakar Ke Hote Hain) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करे।

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