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ऊपरी चक्कर से बचने के उपाय, ऊपरी बाधा के लक्षण

ऊपरी चक्कर से बचने के उपाय, ऊपरी बाधा के लक्षण

ऊपरी चक्कर से बचने के उपाय – कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति बिना वजह ही अस्वस्थ महसूस करने लगता है। उसे नींद नहीं आती और डरावने सपने आने लगते हैं। लोगों का मानना है कि कई बार बुरी नजर या प्रेत बाधा के कारण भी ऐसा हो सकता है।

इसलिए आज के इस लेख में हम आपको ऊपरी चक्कर से बचने के उपाय, ऊपरी बाधा के लक्षण आदि के बारे में जानकरी देने जा रहे है।

ऊपरी बाधा के लक्षण (Upari Chakkar Aane Ke Lakshan)

जब बिना किसी कारण मन उदास रहने लगता है, मनोस्थिति असामान्य हो जाती है, सिर अक्सर भारी रहने लगता है, शरीर भारी लगने लगता है, आंखें अक्सर लाल हो जाती हैं, कभी बहुत ज्यादा तो कभी बहुत कम भूख लगती है, व्यक्ति पागलों जैसा व्यवहार करने लगता है, बिना किसी ठोस कारण के बड़बड़ाना और अत्यधिक थकान महसूस करना, सोते समय जाग जाना या चौंक जाना, जागते हुए भी अजीब दृश्य और वस्तुएं देखना, हमेशा डर महसूस होना, सांप के सपने देखकर डर जाना आदि ये सब ऊपरी चक्कर आने के लक्षण हैं।

ऊपरी चक्कर से बचने के उपाय (Upari Chakkar Se Bachne Ke Upay)

ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट पहनने और घर के बाहर दरवाजे पर ॐ लिखकर त्रिशूल का चिन्ह लगाने से भूत-प्रेत नहीं आते। माथे पर चंदन या भभूति लगाने और कलाई पर मौली बांधने से भी भूत-प्रेत से रक्षा होती है।

दिवाली के दिन सरसों के तेल या शुद्ध घी का दीपक जलाकर काजल बनाएं और फिर इसे आंखों पर लगाएं। यह काजल भूत, पिशाच आदि बुरी नजर से बचाता है।

रात को खाना खाने के बाद और सोने से पहले पूजाघर या किसी पवित्र स्थान पर चांदी की कटोरी में कपूर और लौंग जला दें, इससे अचानक आने वाली परेशानियों से राहत मिलती है।

प्रेत बाधा को दूर करने के लिए फूल वाले चिड़‌चिड़े या धतूरे के पौधे को जमीन पर इस प्रकार दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा जमीन पर दब जाए। इस उपाय से घर में भूत-प्रेत नहीं आते और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

भूत-प्रेत से छुटकारा पाने का मंत्र – ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच शाकिनी डाकिनी यक्षणी पूतना मारी महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर हुं फट् स्वाहा। इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से भूत-प्रेत कभी पास नहीं आते।

अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रखें और पूजा करें। उनके सूखने पर नए पत्ते रख लें और पुराने पत्ते पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। यह क्रिया लगातार सात दिनों तक करने से भूत-प्रेत दूर भाग जाते हैं।

भगवान गणेश को एक साबूत सुपारी चढ़ाएं और एक कटोरी चावल दान करें। माना जाता है कि इससे आपका घर भूत-प्रेतों से मुक्त हो जाएगा।

मंगलवार या शनिवार को बजरंग बाण का पाठ शुरू करें। भय और भूत-प्रेत को दूर भगाने का यह अच्छा उपाय है।

अपनी सुरक्षा और अदृश्य बाधाओं से बचने के लिए रात को दूध पीकर और खीर खाकर अकेले घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

पीपल, बरगद व इमली के पेड़ों के नीचे नहीं थूकना चाहिए और न ही किसी अन्य प्रकार का कूड़ा-कचरा फैलाएं।

यदि किसी स्थान पर जादू-टोना किया गया हो तो उस स्थान पर जाने से बचें। इस पर कदम रखने या इसके पास से गुजरने से आपको परेशानी हो सकती है।

अगर आपको अशुभ या बुरे सपने आते हैं तो फिटकरी को अपने सिरहाने रखकर सोएं।

रात को परफ्यूम लगाकर बाहर निकलने बचना चाहिए और न ही अकेले रहें।

रुमाल या साड़ी के पल्लू के एक कोने में थोड़ी सी सुगंधित हींग बांध लेनी चाहिए और दिन में एक बार सूंघना चाहिए।

जब भी आपको किसी कारण के चलते श्मशान जाना पड़े तो बाहर आकर नीम की पत्तियां जरूर चबाएं।

बचाव हेतु मंगलवार के दिन महाबाली हनुमानजी को चोला चढ़ाना चाहिए , साथ ही सिन्दूर की बिंदी भी लगानी चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति ऊपरी बाधाओं के चक्कर के आ गया है तो उसे अपने शयनकक्ष में मोर पंख इस प्रकार रखना चाहिए उसकी उस पर नजर पड़ती रहे।

बरगद के पेड़ पर लटकी जूट की गांठ को कभी न खोलें। साथ ही उन स्थानों से दूर रहें जहां तांत्रिक प्रयोगों के संकेत और वस्तुएं हों।

यदि कोई सन्यासी, साधु, तांत्रिक या जादू-टोना करने वाला व्यक्ति कोई सुपारी, लौंग, इलायची और पान आदि खाने को दे तो उसका सेवन न करें बल्कि उसे बहते जल में प्रवाहित कर दें, ऐसी चीजें अपने पास न राखी चाहिए।

बीमार व्यक्ति के ऊपर से धान कूटने वाली मूसल और झाड़ू उतारकर उसके सिरहाने रख दें।

गाय के गोबर के कंडे और जली हुई लकड़ी की राख को पानी में भिगो दे। उसके बाद उसका एक लड्डू बनाएं और उसमें पांच रुपये का सिक्का डाल दें। फिर उस पर काजल व रोली की सात बिंदियां लगाकर एक लोहे की कील भी घुसा दें। अब इस लड्डू को पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उतारकर चुपचाप पास के किसी चौराहे पर रख दें। आते-जाते समय किसी से बात न करें और न ही पीछे मुड़कर देखें। इस क्रिया को करने के पश्चात भूत-प्रेत से पीड़ित व्यक्ति बहुत जल्दी ठीक होने लगता है।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको ऊपरी चक्कर से बचने के उपाय, ऊपरी बाधा के लक्षण आदि के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख ऊपरी चक्कर से बचने के उपाय अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।

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