Dharmik Tyohar Ke Naam: भारत त्योहारों का देश है जहां साल भर त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। भारत में सभी त्यौहार हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाए जाते हैं। सभी त्योहारों का अपना विशेष महत्व होता है और इन्हें मनाने का तरीका भी अलग होता है। तो आइये जानते है भारत के त्योहारों के नाम (Bharat Ke Tyohar Ke Naam) –
धार्मिक त्योहार के नाम (Tyoharon Ke Naam)
- होली
- दिवाली
- सावन
- रक्षाबंधन
- नवरात्र
- बैसाखी
- ओणम
- पोंगल
- दशहरा
- धनतेरस
- छ्ठ पूजा
- जन्माष्टमी
- भाई दूज
- दुर्गा पूजा
- राम नवमी
- नाग पंचमी
- करवा चौथ
- लक्ष्मी पूजन
- बसंत पंचमी
- गुरु पूर्णिमा
- बुध्द पूर्णिमा
- गोवर्धन पूजा
- गणेश चतुर्थी
- महाशिवरात्री
- हनुमान जयंती
- विश्वकर्मा पूजा
- मकर संक्रांती
कुछ त्यौहार के बारे में (Tyohar Ke Name)
मकर संक्रांति – मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगते है। हिंदू माह के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष में पड़ने वाला यह पर्व देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग सांस्कृतिक रूपों में मनाया जाता है। दक्षिण में इसे पोंगल कहते हैं और पंजाब में इसे लोहड़ी कहते हैं। इस दिन गाय को चारा देना, तिल-गुड़ खाने खिलने व पतंग उड़ाने का महत्व है।
महाशिवरात्रि – फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। यह हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पहली बार प्रकट हुए थे। इसी दिन उनका विवाह पार्वती से हुआ था। इसी दिन ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे, इसीलिए इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
होली – फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिकोत्सव मनाया जाता है। यह त्योहार होलिका दहन से शुरू होकर रंग पंचमी तक चलता है। धुलेंडी बीच में आती है। देशभर में होली और रंगपंचमी धूमधाम से मनाई जाती है। इस दौरान मथुरा, वृंदावन और बरसाने की होली बहुत प्रसिद्ध है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन और विष्णु के भक्त प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है।
गुड़ी पड़वा/उगादि/नव संवत्सर – हिंदुओं का नया साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। यह दिन पूरे भारत में मनाया जाता है। मिठाई बांटी जाती है और कोई नया या शुभ कार्य किया जाता है। हर प्रांत में इसका नाम अलग है और इसे मनाने के तरीके भी अलग-अलग हैं। चैत्र मास हिंदू कैलेंडर का पहला महीना है।
राम नवमी – भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी कहा जाता है। यह दिन बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। यह बड़ी नवरात्रि उत्सव का अंतिम दिन भी है। इस दिन उत्सव का माहौल रहता है।
ओणम – राजा महाबली या बलि से जुड़ा यह पर्व खासतौर पर दक्षिण भारत में दिवाली की तरह मनाया जाता है। विष्णु के अवतार वामन ने महाबली से तीन पग भूमि मांगी थी। सदियों से मान्यता है कि राजा बलि ओणम के दिन अपनी प्रजा से मिलने आते हैं, इसी खुशी में ओणम का पर्व मनाते है।
रक्षाबंधन – श्रावण मास की पूर्णिमा को भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है। यह पर्व राजा महाबली, इंद्र व यम से जुड़ा हुआ है। रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई को राखी बांधती हैं जिसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। भाई बहनों की रक्षा करने का वचन देते । इस दिन अच्छे पकवान और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी – भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी को हुआ था, इसलिए इसे जन्माष्टमी कहा जाता है। इस जन्मोत्सव को बहुत ही सुंदर तरीके से नाच-गाकर मनाया जाता है। ना-ना प्रकार के व्यंजन खाए जाते हैं और पूरे इंडिया में उत्सव का माहौल होता है।
गणेश चतुर्थी – भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। गणेश स्थापना चतुर्थी और विसर्जन चतुर्दशी तक चलने वाला यह पर्व पूरे देश में मनाया जाता है। कहीं-कहीं यह पर्व केवल 3 दिनों तक चलता है जबकि मूल रूप से यह 10 दिनों का उत्सव होता है। यह पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
नवरात्रि – नवरात्रि का पर्व साल में दो बार आता है- पहला चैत्र मास में और दूसरा आश्विन मास में। इस दिन नृत्य और उत्सव के साथ दुर्गा की पूजा की जाती है। 9 दिनों तक चलने वाला यह पर्व सभी के मन में उत्साह, साहस और प्रसन्नता भर देता है।
दीवाली – प्रकाश का यह प्रमुख पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को कई कारणों से मनाया जाता है। यह पर्व भी धनतेरस से 2 दिन पहले शुरू हो जाता है और छोटी दिवाली तक चलता है। हालांकि इसकी शुरुआत दशहरे से ही हो जाती है। इसी बीच नरक चतुर्दशी, दीपावली, भैया दूज और गोवर्धन पूजा के त्योहार भी मनाए जाते हैं। इस दिन दीपक जलाने, घर को सजाने, रंगोली बनाने, नए कपड़े पहनने, खरीदारी करने, आतिशबाजी करने, काली, कृष्ण और लक्ष्मी की पूजा करने, उपहार देने और लेने, पकवान और मिठाई बांटने की परंपरा है।
लेख के बारे में
आज के इस लेख में हमने धार्मिक त्योहार के नाम (Dharmik Tyohar Ke Naam) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख फेस्टिवल इन हिंदी अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह त्योहार के नाम अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।