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ताजमहल का पूरा नाम क्या है, ताजमहल का असली नाम क्या है?

ताजमहल का पूरा नाम क्या है, ताजमहल का असली नाम क्या है?

Taj Mahal Ka Pura Naam Kya Hai: दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल अपनी सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है और यही कारण है की हर साल हजारों-लाखो पर्यटक इस देखने आते है।

यमुना नदी के किनारे स्थित सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना अलौकिक सौन्दर्य का प्रतीक ताजमहल न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है।

ताजमहल को शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। शाहजहाँ अपनी बेगम मुमताज से बहुत प्यार करता था और उसकी मौत के बाद शाहजहाँ ने उसकी याद में प्यार की निशानी के तौर पर ताजमहल का निर्माण करवाया था।

ऐसा माना जाता है कि ताजमहल मुमताज और शाहजहाँ का मकबरा है। शाहजहाँ की मृत्यु के बाद उसे उसकी पत्नी सहित इसी ताजमहल में दफनाया गया था।

लेकिन क्या आप जानते है ताजमहल का पूरा नाम क्या है, ताजमहल का असली नाम क्या है, अगर नहीं तो आज का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होने वाला है। क्योकि आज के इस लेख में हम आपको इसकी जानकारी देने वाले है, तो आइये शुरू करते है और जानते है –

ताजमहल का पूरा नाम क्या है (Taj Mahal Ka Pura Naam Kya Hai)

ताजमहल का पूरा नाम ताजमहल ही है। लेकिन इसका असली नाम कुछ और ही है, जिसके बारे में हमने आपको नीचे बताया है।

ताजमहल का असली नाम क्या है (Taj Mahal Ka Asli Naam Kya Hai)

ताजमहल का असली नाम है – “रौज़ा-ए-मुनव्वर” (Rauza-I-Munawwara)। रौज़ा-ए-मुनव्वर का मतलब होता है – जगमगाता हुआ मकबरा।

ताजमहल के बारे में (Information About Taj Mahal In Hindi)

ताजमहल को बनने में करीब 22 साल लगे थे। कहा जाता है कि ताजमहल के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री को 1000 से अधिक हाथियों के माध्यम से लाया गया था। उस समय ताजमहल के निर्माण में करीब 3.2 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।

ताजमहल के निर्माण में प्रयुक्त 28 रत्न श्रीलंका से लाए गए थे। ताजमहल के निर्माण में कीमती पत्थर एशियाई देशों से लाए गए थे। इसके निर्माण में प्रयुक्त संगमरमर पत्थर राजस्थान से लाया गया था।

ताजमहल की स्थापत्य शैली भारतीय, फारसी, इस्लामी और तुर्की वास्तुकला का मिश्रण है। कहा जाता है कि ताजमहल के पूरा होने के बाद शाहजहाँ एक और ताजमहल बनाना चाहता था, जिसे पूरी तरह से काले पत्थरों से बनाया जाना था। काला ताजमहल बनाने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी क्योंकि सत्ता हासिल करने के लिए उनके बेटों के बीच युद्ध चल रहा था।

ताजमहल का निर्माण शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में करवाया था, जिनकी मृत्यु बच्चे को जन्म देते हुए हो गयी थी। 1983 में, इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था।

उस्ताद अहमद लाहौरी को ताजमहल का वास्तुकार माना जाता है। इसके निर्माण के समय शाहजहाँ ने इसके शिखर पर एक सोने का कलश भी लगवाया था, जिसकी लंबाई 30 फुट 80 इंच थी और जो लगभग 40,000 तोले सोने से बना था।

ताजमहल की नींव लकड़ी से बनी है और इन लकड़ी को मजबूत रहने के लिए नमी की जरूरत होती है, जो इसे ताजमहल के बाईं ओर बहने वाली यमुना नदी से मिलती है।

ताजमहल 42 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। इसके निर्माण कार्य में 20000 से अधिक मजदूरों को लगाया गया था। सिर्फ इसके गुंबद को बनाने में 15 साल लगे।

ताजमहल सुबह हल्का गुलाबी, दिन में सफेद और पूर्णिमा की रात हल्का सुनहरा दिखाई देता है। ताजमहल दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इमारत है और यहां रोजाना 12000 से ज्यादा पर्यटक आते हैं।

FAQs

ताजमहल का वास्तविक नाम क्या है?
ताजमहल का वास्तविक नाम है – रौज़ा-ए-मुनव्वर।

ताजमहल का दूसरा नाम क्या है?
ताजमहल का दूसरा नाम है – रौज़ा-ए-मुनव्वर और मुमताज महल।

ताजमहल हिंदू मंदिर है?
किंवदंती के अनुसार ताजमहल कभी भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर हुआ करता था और ‘तेजो महाल्या’ के नाम से उसे जाना जाता था।

लेख के बारे में

आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको ताजमहल का पूरा नाम क्या है, ताजमहल का वास्तविक नाम क्या है, इसके बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख ताजमहल का असली नाम क्या है अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करे।

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