Saurmandal Ka Sabse Bada Grah Kaun Sa Hai: सूर्य और उसके चारों ओर परिक्रमा लगाने वाले ग्रहों, उपग्रहों, उल्काओं व क्षुद्रग्रहों के समूह को सौरमंडल कहा जाता है। सूर्य और सौरमंडल के सभी खगोलीय पिंड गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा एक दूसरे से बंधे हुए हैं। सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित है, और सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा भी है।
सौरमंडल के हर ग्रह की अपनी एक अलग पहचान है। कुछ ग्रह को दूर से खुली आँखों से यानी बिना किसी दूरबीन की मदद से पहचाना जा सकता है।
पृथ्वी के बारे में कई लोगों का मानना है कि यह दूर से नीले कंचे की तरह दिखती है, जबकि मंगल ग्रह की लालिमा इसे अपनी पहचान देती है। इसी तरह हर ग्रह की अपनी एक अलग पहचान है।
आज के इस लेख में हम आपको सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है, सौरमंडल में सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है के के बारे में जानकारी देने वाले है, इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहे, तो आइये जानते है –
सौरमंडल में सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है हिंदी में (Saurmandal Mein Sabse Bada Grah Kaun Sa Hai In Hindi)
बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है, बृहस्पति सौरमंडल का पांचवां ग्रह है। यह सूर्य से लगभग 770 मिलियन किमी की दूरी पर स्थित है। इसका द्रव्यमान सौर मंडल के अन्य सात ग्रहों के द्रव्यमान का ढाई गुना और सूरज का एक हजारवां हिस्सा है।
भारत में इस ग्रह को ‘गुरु’ के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे ‘ज्यूपिटर’ के नाम से जाना जाता है। इस ग्रह का नाम रोमन सभ्यता द्वारा अपने पौराणिक देवता ‘जुपिटर’ के नाम पर रखा गया है।
बृहस्पति गैसों से बना एक विशाल पिंड है जिसकी सतह अत्यधिक गर्म है। यह इतना गर्म है कि इस पर वैज्ञानिकों द्वारा भेजा गया जूनो उपग्रह भी इसकी सतह से काफी ऊपर जलकर नष्ट हो गया, इसीलिए वैज्ञानिक इसकी सतह नहीं देख सके।
बृहस्पति मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना है और इसका एक चौथाई द्रव्यमान हीलियम है। यह हमेशा अमोनिया क्रिस्टल और संभवतः अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड के बादलों से ढका रहता है। इस ग्रह पर कोई भूमि नहीं है। ऐसे में इंसानों का यहां रहना लगभग नामुमकिन है।
इस ग्रह का अपना शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल है और इसी कारण से इसे सौर मंडल का ‘वैक्यूम क्लीनर’ भी कहा जाता है। दरअसल, यह सौर मंडल में आने वाले बाहरी उल्कापिंडों को अपनी ओर खींचता है और उनके हमले से बचाता है।
वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है की इस ग्रह पर करीब 355 साल से भयंकर तूफान चल रहा है। इस तूफान का नाम “द ग्रेट रेड स्पॉट” है, जो बृहस्पति पर मौजूद है। यह तूफान एक लाल धब्बे की तरह दिखता है। इस तूफान के बारे में कहा जाता है कि यह इतना बड़ा है कि इसमें पृथ्वी जैसे तीन ग्रह आराम से समा सकते हैं। हालांकि वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन वे अभी तक इस रहस्य का पता नहीं लगा पाए हैं कि यह तूफान लगातार सैकड़ों सालों से कैसे चल रहा है।
बृहस्पति हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह होने के साथ-साथ सबसे पुराना ग्रह भी है। सौर मंडल में बृहस्पति के उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक (लगभग 79) है।
ऐसा माना जाता है कि अगर पृथ्वी पर आपका वजन 50 किलो है तो बृहस्पति पर यह 132 किलो होगा। इसका कारण यह है कि बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण बल अधिक है।
जहां पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है, वहीं बृहस्पति पर एक दिन केवल नौ घंटे और 55 मिनट का होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पृथ्वी के 11.9 साल में बृहस्पति का एक साल होता है।
बृहस्पति की संरचना –
बृहस्पति मुख्यतः तरल पदार्थ और गैसों से बना है। इस ग्रह के वायुमंडल में मुख्यतः दो गैसें ही पाई जाती हैं। इसका बाहरी वातावरण 71 प्रतिशत हाइड्रोजन, 24 प्रतिशत हीलियम और 5 प्रतिशत अन्य तत्वों से बना है। यहां प्रतिशत का अर्थ अणुओं की संख्या से है। हाइड्रोजन परमाणु का द्रव्यमान हीलियम परमाणु के द्रव्यमान का 1/4 है।
इस ग्रह में ब्रह्मांड के दो सबसे हल्के और सबसे प्रचुर तत्व (हाइड्रोजन और हीलियम गैसों) पाए जाते हैं, इसलिए इसकी रचना सूर्य या किसी तारे जैसी दिखती है।
बृहस्पति की संरचना को देखकर हम कह सकते हैं कि बृहस्पति पर जीवन संभव नहीं है। वैसे, अभी तक बृहस्पति के केवल बाहरी वातावरण का ही स्पष्ट रूप से पता लगाया जा सका है। हम इसके आंतरिक वातावरण और संरचना से पूरी तरह परिचित नहीं हैं।
लेकिन बृहस्पति पर मौजूद विशाल अशांत गैस और धूल के बादलों और 500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को देखकर ऐसा लगता है कि बृहस्पति पर जीवन शायद ही संभव हो सके।
बृहस्पति पर विशाल लाल धब्बा
बृहस्पति ग्रह पर एक विशाल लाल धब्बा है जिसे ग्रेट रेड स्पॉट कहा जाता है। यह धब्बा इस ग्रह पर स्थित एक उच्च दाब वाला क्षेत्र है। यह लगभग 25000 किमी लम्बा और 12000 किमी चौड़ा है।
यह धब्बा इतना बड़ा है की इसमें दो पृथ्वी समा सकती हैं, और इसे पृथ्वी से जमीन पर स्थित दूरबीन से भी आसानी से देखा जा सकता है। इस धब्बे का ऊपरी हिस्सा बाकी क्षेत्रों की तुलना में ऊंचा और ठंडा है। यह लाल धब्बा भूमध्य रेखा से 22 डिग्री दक्षिण में स्थित है।
यह ग्रेट रेड स्पॉट एक विशाल चक्रवाती तूफ़ान है जो निरंतर चलता रहता है। बृहस्पति के अशांत वातावरण में ऐसे तूफान आम हैं, लेकिन यह तूफान बहुत बड़ा है। इसके अलावा बृहस्पति पर कई सफेद और भूरे धब्बे भी हैं।
बृहस्पति ग्रह के बारे में –
बृहस्पति ग्रह को अंग्रेजी में जुपिटर (Jupiter) कहा जाता है, जो रोमन सभ्यता के एक देवता का नाम है। बृहस्पति ग्रह के लगभग 79 चंद्रमा (उपग्रह) हैं, जिनमें से चार सबसे बड़े चंद्रमाओं के नाम हैं- आयो, युरोपा, गैनिमीड और कैलिस्टो। इनमें से कुछ चंद्रमाओं पर महासागर पाए गए हैं, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि यहां जीवन संभव हो सकता है।
द्रव्यमान के अनुसार बृहस्पति को सौर मंडल के सभी ग्रहों का राजा माना जाता है।अपने विशाल आकार के बावजूद, बृहस्पति का दिन सभी ग्रहों में सबसे छोटा (9 घंटे 55 मिनट) है। इसमें सौर मंडल के सभी सात ग्रहों का सबसे मजबूत चुंबकीय क्षेत्र है।
बृहस्पति की अपनी पतली वलय प्रणाली है। बृहस्पति के पास वर्तमान में 79 चंद्रमा (उपग्रह) हैं, जो सौर मंडल के सभी ग्रहों से अधिक हैं। बृहस्पति पर सौर मंडल का सबसे चमकीला ध्रुवीय अरोरा है। बृहस्पति को ‘असफल तारा’ कहते है। बृहस्पति को सौर मंडल का क्षुद्रग्रह वैक्यूम क्लीनर भी कहा जाता है।
FAQs
सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन है?
सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है।
सौरमंडल का सबसे छोटा और सबसे बड़ा ग्रह का नाम क्या है?
सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह का नाम बुध तथा सबसे बड़े ग्रह का नाम बृहस्पति है।
लेख के बारे में
आज के इस लेख में हमने आपको सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख सौरमंडल में सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करे।