सांडे का तेल कैसे बनता है – सांडे के तेल का प्रयोग लिंग का टेढ़ापन, पतलापन, छोटापन आदि को दूर करने के लिए किया जाता है। सांडे के तेल का उपयोग पुरुष यौन रोगों के इलाज में करते हैं क्योंकि सांडे की प्रकृति गर्म होती है इसलिए इसका उपयोग लिंग बढ़ाने वाले तेल के रूप में बड़े पैमाने पर किया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते है सांडे का तेल क्या होता है, सांडे का तेल कैसे बनता है? अगर नहीं तो आज के इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।
सांडे का तेल क्या होता है (Sande Ka Tel Kya Hota Hai)
सांडा रेतीले इलाकों में पाया जाना वाला एक प्रकार का जीव होता है, जो दिखने में छिपकली जैसा होता है। और भारत में राजस्थान व आसपास के मरुस्थल मे अधिक संख्या में पाया जाता है। इसी जीव को मारकर इसके अंदर पाई जाने वाली एक ग्रंथि से सांडे का तेल प्राप्त होता है। यह तेल स्तंभन दोष, शीघ्र पतन, लिंग की कमजोरी, लिंग की नसों में होने वाले ढीलापन आदि समस्या को दूर करता है। इसके साथ यह भी दावा किया जाता है कि सांडे का तेल लगाने से सेक्स करने के दौरान उत्तेजना बढ़ जाती है। इस तेल के उपयोंग से लिंग के आकर, मोटाई आदि की समस्या भी दूर होने का दावा किया जाता है।
सांडे का तेल कैसे बनता है (Sanda Ka Tel Kaise Banta Hai)
सांडा का तेल गर्म रेगिस्तानों में पाए जाने वाले सरीसृप सांडा की पूंछ के नीचे एक छोटी ग्रंथि में पाया जाता है। इस ग्रंथि को पूंछ के नीचे से अलग किया जाता है और इस थैलीनुमा ग्रंथि को पिघलाकर सांडे का तेल बनाया जाता है। इस तेल को बनाने के लिए ग्रंथि को गर्म पानी में उबाला जाता है और ठंडा होने के बाद इसे अलग कर लिया जाता है और इससे तेल बनाया जाता है।
वैसे तो बाजार में सांडे के तेल को लेकर सड़क किनारे से लेकर विभिन्न दुकानों और हकीम वैध आपको मिल जायेंगे। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि असली तेल पाना बहुत मुश्किल है। सरकारी रोक के बाद तो ये और भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में यह तेल पुराने डॉक्टरों और पारिवारिक वैद्यों से मिल सकता है।
बता दे की एक सांडा लगभग 4 मिलीलीटर तेल यानी चार या पांच बूंदें देता है। अगर आपको 100 मिलीलीटर तेल चाहिए तो आपको इसे कम से कम 25 सांडा मारने पड़ेंगे। आप एक बार में कम से कम आठ या दस बूंदों का उपयोग करेंगे, जिसका मतलब है कि आपको कम से कम दो सांडा को मारना होगा।
सांडा से बहुत कम तेल निकलता है इसलिए इसका तेल बनाते समय इसमें कई अन्य चीजों का तेल भी मिलाया जाता है जैसे अश्वगंधा, शतावरी, लौंग, तिल, काला जीरा, धतूरा आदि का तेल। इसके बाद इन सभी तेलों को सांडे के तेल में मिलाकर पैक कर दिया जाता है।
सांडे के तेल के फायदे (Sanda Ke Tel Ke Fayde In Hindi)
इसके तेल का उपयोग मांसपेशियों में रक्त संचार बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल यौन रोगों को ठीक करने या सेक्स पावर बढ़ाने के लिए करते हैं।
इसका तेल लगाने से आपके शरीर में रक्त संचार तेज हो जाएगा लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते है।
FAQs
सांडे का तेल क्या चीज का बनता है?
सांडे का तेल सांडा नामक जीव को मारकर निकाला जाता है।
सांडा जानवर कौन सा होता है?
सांडा जानवर दिखने में छिपकली जैसा होता है।
लेख के बारे में
आज के इस लेख में हमने आपको सांडे का तेल कैसे बनता है, सांडे का तेल क्या होता है के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख सांडे का तेल कैसे बनता है (Sande Ka Tel Kaise Banta Hai) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।