सबरीमाला मंदिर कहां स्थित है – सबरीमाला मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां हर दिन लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर को दुनिया के सबसे बड़े तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। सबरीमाला का नाम शबरी के नाम पर रखा गया है, जिसका उल्लेख रामायण में मिलता है। यह मंदिर 18 पहाड़ियों के बीच में स्थित है।
आज के इस लेख में हम आपको सबरीमाला मंदिर कहां स्थित है के बारे में जानकारी देने वाले है। इसके अलावा इस विषय से सम्बंधित अन्य जानकारी भी मुहैया कराने वाले है। अगर आप यह सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस लेख को आखिरी तक अवश्य पढ़े, तो आइये जानते है –
सबरीमाला मंदिर कहां पर स्थित है (Sabarimala Mandir Kahan Per Sthit Hai)
सबरीमाला मंदिर भारतीय के राज्य केरल में स्थित है। चारों तरफ पहाड़ियों से घिरा यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। सबरीमाला मंदिर वाणीपट्टी (Vanipatti) नामक एक छोटे से शहर के पास स्थित है।
सबरीमाला मंदिर एक प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल है। यह मंदिर हिमालय की श्री धर्मशाला पहाड़ी श्रृंग पर स्थित है, जो पश्चिमी घाट के तट पर स्थित है।
सबरीमाला मंदिर में भगवान अय्यप्पन विराजमान है। सबरीमाला मंदिर की पौराणिक कथा धार्मिक महत्व रखती है। यह मंदिर महाभारत काल के दौरान बनाया गया था और कहा जाता है कि सीता माता ने इसी स्थान पर भगवान राम के आगमन का स्वागत किया था। महाभारत में भी इस स्थान का उल्लेख सबरीमाला के रूप में किया गया है।
सबरीमाला मंदिर के दर्शन के लिए यात्रियों को कई प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करना पड़ता है। तीर्थयात्रियों को शुद्धता और उपवास की शर्तों को पूरा करना होता है। मंदिर जाने के लिए उन्हें 41 दिनों तक व्रत करना पड़ता है।
सबरीमाला मंदिर वाणीपट्टी नामक एक छोटे से शहर के पास स्थित है। सबरीमाला मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद प्राप्त होगा। यहां पर्यटक घने जंगलों, पहाड़ियों और नदियों के खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहां आपको पेरियार जल वन, तालामाला जलाशय और उम्मीचमंगा नदी देखने का भी मौका मिलेगा।
सबरीमाला मंदिर एक ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है जो भक्तों के लिए एक पवित्र और आध्यात्मिक यात्रा का केंद्र माना जाता है। यहां पर्यटकों को शांति, समृद्धि और मुक्ति की कामना के साथ अपनी आत्मा को संशोधित करने का अवसर मिलता है। सबरीमाला मंदिर की यात्रा एक अनोखा और सराहनीय अनुभव है जो आपकी आध्यात्मिकता को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है।
सबरीमाला की मान्यताएँ
मकर संक्रांति की रात को इस मंदिर के पास अंधेरे में एक रोशनी (ज्योति) दिखाई देती है। इस ज्योति के दर्शन के लिए हर साल दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। कहा जाता है कि जब भी यह रोशनी दिखती है तो उसके साथ शोर भी सुनाई देता है। भक्तों का मानना है कि यह देव ज्योति है और भगवान स्वयं इसे प्रज्वलित करते हैं। इसे मकर ज्योति नाम दिया गया है।
इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। इसके पीछे मान्यता यह है कि यहां जिस भगवान (श्री अयप्पा) की पूजा की जाती है, वे ब्रह्मचारी थे, इसलिए 10 से 50 वर्ष की लड़कियां और महिलाएं यहां प्रवेश नहीं कर सकतीं। इस मंदिर में छोटी लड़कियां आ सकती हैं जिनका मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ हो। या ऐसी या वृद्ध महिलाएं, जो मासिक धर्म से मुक्त हो चुकी हों।
यहां जिन श्री अयप्पा की पूजा की जाती है उन्हें ‘हरिहरपुत्र’ कहा जाता है। यानि विष्णु और शिव के पुत्र। यहां आने वाले भक्तों को दो महीने पहले ही मांस और मछली खाना छोड़ना पड़ता है। मान्यता है कि यदि कोई भक्त तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर यहां पहुंचता है और व्रत रखता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
FAQs
सबरीमाला मंदिर कौन से राज्य में स्थित है?
सबरीमाला मंदिर केरल राज्य में स्थित है।
सबरीमाला मंदिर में किसकी पूजा होती है?
सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा (Ayyappa) की पूजा होती है।
सबरीमाला में कौन से देवता हैं?
सबरीमाला में भगवान अयप्पा हैं।
लेख के बारे में
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