राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के लाभ – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है, जिसे आरएसएस (RSS) के नाम से जाना जाता है। आरएसएस का पूरा नाम यानी फुल फॉर्म राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक एक स्वयंसेवी संगठन है, इसका मुख्य कार्य भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के लिए आदर्शों को बढ़ावा देना, साथ ही हिंदू समुदाय को मजबूत करने के लिए हिंदुओं को एकजुट करना और हिंदुत्व की विचारधारा का प्रचार करना है।
यह संगठन देश के विकास में सहयोग देता है। देश को आर्थिक एवं शारीरिक सहयोग देता है। यह संगठन देश के लोगों की सेवा करना, आपदा में मदद करना जैसे काम करता है।
इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अलावा ‘भारतीय स्वयंसेवक संघ’ या ‘हिन्दू स्वयंसेवक संघ’ के नाम से भी जाना जाता है। संघ की शाखाओं में स्वयंसेवकों को व्यायाम, खेल, सूर्य नमस्कार और परेड करायी जाती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के कई फायदे भी हैं, जिनकी चर्चा इस लेख में आगे की गई है।
आज के इस लेख में आप जानेगे की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के लाभ क्या है, तो आइये आज का यह लेख शुरू करते है और जानते है –
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्या है (Rashtriya Swayamsevak Sangh Kya Hai In Hindi)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का एक हिंदू राष्ट्रवादी, अर्धसैनिक, स्वयंसेवी संगठन है, जिसे आरएसएस या संघ के नाम से अधिक पहचाना जाता है। आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करने वाले (सेवा देने वाले) कार्यकर्ताओं को स्वयंसेवक कहा जाता है।
स्वयंसेवक का अर्थ है – वह व्यक्ति जो बिना किसी दबाव या पैसे के समाज की सेवा करता है। स्वयंसेवक देश के नागरिकों की मदद के लिए हर समय मौजूद रहते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के फायदे (Rashtriya Swayamsevak Sangh Me Shamil Hone Ke Fayde)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के कई फायदे है, जैसे –
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में प्रार्थना, खेल-कूद जैसी गतिविधियाँ होती हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक विकास होता है।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में शामिल होने से देश के लोगो की सेवा करने का अवसर मिलता है।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में शामिल होने से धर्म के लिए कुछ करने का अवसर मिलता है।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में शामिल होने से हिंदू धर्म से जुड़ी कई जानकारियां प्राप्त करने और प्रचार-प्रसार करने का भी अवसर प्राप्त होता है।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में शामिल होने से नए लोगो से मिलने, उनके अनुभवों को सुनने और अपने जीवन में उतारने का अवसर प्राप्त होता है।
शाखा कैसे लगती है (Shakha Kaise Lagti Hai)
शाखा, किसी मैदान या खुली जगह पर शाखा एक घटे के लिए लगती है। शाखा में व्यायाम, खेल, सूर्य नमस्कार, परेड, गीत और प्रार्थना शामिल हैं। सामान्यतः शाखा प्रतिदिन एक घंटा ही लगती है। शाखाएँ निम्नलिखित प्रकार की होती हैं –
प्रभात शाखा – प्रातःकालीन शाखा को “प्रभात शाखा” कहा जाता है।
सायं शाखा – सायंकालीन या शाम को लगने वाली शाखा को “सायं शाखा” कहा जाता है।
रात्रि शाखा – नाईट यानी रात में लगने वाली शाखा को “रात्रि शाखा” कहा जाता हैं।
मिलन शाखा – सप्ताह में एक या दो बार लगने वाली शाखा को “मिलन” कहा जाता है।
संघ-मंडली – “संघ-मंडली” माह में एक या फिर दो बार लगने वाली शाखा को कहा जाता है।
आरएसएस का इतिहास (RSS History In Hindi)
विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना केशव बलराम हेडगेवार ने की थी। आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी। जब आरएसएस की स्थापना की गयी थी, उस समय उनके साथ कुछ ही युवा थे। इसके बाद प्रतिदिन शाखा लगने लगी, शाखा में प्रार्थना, खेल आदि गतिविधियाँ होती थीं, जो आज भी होती आ रही हैं। समय के साथ यह संगठन फैलने लगा और आज इस संगठन के कार्यकर्ता हर शहर में मौजूद हैं।
आरएसएस कैसे ज्वाइन करे (How To Join RSS In Hindi)
संघ की सदस्यता की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, कोई भी व्यक्ति निकटतम संघ शाखा में जाकर संघ में शामिल हो सकता है। संघ के सदस्यों को स्वयंसेवक कहा जाता है। आरएसएस (RSS) के लिए कोई शुल्क (फीस) या पंजीकरण प्रक्रिया नहीं है।
FAQs
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कब हुई थी?
27 सितंबर 1925 को आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना किसने की थी?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ. केशव हेडगेवार ने की थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना किस दिन की गयी थी?
विजयादशमी के दिन आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गयी थी।
क्या मैं आरएसएस से जुड़ सकता हूँ?
हाँ, आप आरएसएस से जुड़ सकते है। संघ की सदस्यता की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, कोई भी व्यक्ति निकटतम संघ शाखा में जाकर संघ में शामिल हो सकता है। आरएसएस संघ के सदस्यों को स्वयंसेवक कहते है। इसके लिए कोई शुल्क (फीस) या पंजीकरण प्रोसेस नहीं है।
लेख के बारे में
आज के इस लेख में हमने आपको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के लाभ क्या है, शाखा कैसे लगती है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इतिहास क्या है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कैसे जुड़े के बारे में जानकारी दी है।
हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के लाभ, आरएसएस का इतिहास और आरएसएस का इतिहास कैसे जुड़े अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करे।