फूल चढ़ाने के नियम – हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में फूल चढ़ाने की परंपरा काफी पुरानी है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा में देवताओं को फूल चढ़ाने का बड़ा महत्व होता है। सभी देवताओं को अलग-अलग फूल प्रिय होते हैं। देवी-देवताओं को उनके मनपसंद फूल चढ़ाने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। लेकिन किसी भी देवता को फूल चढ़ाने के नियम बताए गए हैं। ऐसे में मनोवांछित फल पाने के लिए नियमानुसार फूल चढ़ाने चाहिए।
फूल चढ़ाने के कुछ नियम होते हैं, क्योंकि हर फूल देवता को नहीं चढ़ाया जा सकता। पूजा के दौरान भगवान को फूल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं, लेकिन अगर उन्हें गलत फूल चढ़ाए जाएं तो वे नाराज भी हो सकते हैं, जिससे पूजा का अशुभ फल मिल सकता है। ऐसे में फूल चढ़ाते समय विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि भगवान को फूल चढ़ाने के क्या नियम हैं –
फूल चढ़ाने के नियम (Phool Chadhane Ke Niyam)
मुरझाए हुए फूल कभी भी देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाने चाहिए। मुरझाए या बासी फूलों में सुगंध नहीं होती इसलिए ऐसे फूल भगवान को नहीं चढ़ाना चाहिए।
फूल चढ़ाने के लिए अपने हाथ की तीन अंगुलियों, मध्यमा, अनामिका और अंगूठे का प्रयोग करना चाहिए। इन तीन अंगुलियों के अलावा शेष दो अंगुलियों को फूल को नहीं छूना चाहिए।
अक्सर फूलों में कई तरह के कीड़े लग जाते हैं, और लोग सीधे ही कीड़े लगे हुए फूलों को तोड़कर भगवान को चढ़ा देते है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। कीट प्रभावित फूलों को तोड़कर कुछ समय के लिए अलग रख देना चाहिए, ताकि उसके कीड़े निकल जाएं। फिर बाद मे उन्हे देवताओं को अर्पित कर देना चाहिए।
फूल चढ़ाने के लाभ
हिंदू धर्म में फूलों को आस्था और भावना का प्रतीक माना जाता है। पुष्प की सुगंध से देवता प्रसन्न होते हैं और जीवन में उनकी कृपा बनी रहती है। फूल घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कमल का फूल देवी-देवताओं को सबसे प्रिय होता है, इस फूल के प्रयोग से व्यक्ति की मनोकामना पूरी हो सकती है।
चढ़ाए ताजे फूल ही
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंदिर और किसी भी धार्मिक स्थान पर हमेशा ताजे फूल ही भगवान को चढ़ाने चाहिए इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और कृपा बरसाते हैं और पूजा का दोहरा लाभ मिलता है। भगवान को कभी भी सूखे, मुरझाए, बासी या कीड़े लगे फूल नहीं चढ़ाने चाहिए, क्योंकि इससे भगवान नाराज हो जाते हैं। फूल हमेशा मूर्ति की ओर उल्टा चढ़ाना चाहिए।
इस उंगली का करें प्रयोग
भगवान को फूल चढ़ाते समय हमेशा अंगूठे, मध्यमा और अनामिका का प्रयोग करें। ध्यान रहे कि फूल चढ़ाते समय कनिष्ठा अंगुली का प्रयोग नहीं करना चाहिए। चंपा के फूल के अलावा किसी और फूल की एक कली भगवान को नहीं चढ़ानी चाहिए, इससे दोष लगता है और सुख-समृद्धि की हानि हो सकती है। कमल और कुमुदिनी के फूल 11 दिनों तक ताजे माने जाते हैं, इसलिए इन फूलों को 11 दिनों के बाद देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाना चाहिए।
फूल उतारने के नियम
एक पहर तक देवताओं के ऊपर रहने के बाद फूल उतार लिए जाते हैं। फूलों को उतारने के लिए तर्जनी और अंगूठे का प्रयोग करना चाहिए। फूल को उतारने समय, शेष 3 अंगुलियों को फूल को स्पर्श न होने दें।
क्यों चढ़ाए जाते हैं फूल?
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान की पूजा करने से मन को शांति और देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान की पूजा में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, आरती और व्रत रखे जाते हैं। पूजा में भगवान को फूल जरूर चढ़ाए जाते हैं। बिना फूल के भगवान की पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान की पूजा में फूलों का उपयोग किया जाता है तो सुगंध के रूप में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव और शुभ तरंगों का प्रभाव चारों ओर फैल जाता है। जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। भगवान को फूलों की सुगंध बहुत प्रिय है। इसी वजह से फूलों के बिना देवी-देवताओं की पूजा अधूरी मानी जाती है। भगवान को फूल चढ़ाने से भक्तों की मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। हिन्दू धर्म में हर देवता की पूजा में उनके मनपसंद फूल होते हैं, जिससे भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और पूजा का फल भी कई गुना बढ़ जाता है।
इन देवी -देवताओं को न चढ़ाए ये फूल
मां दुर्गा – मां दुर्गा को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। दुर्गा जी की पूजा में विशेष रूप से लाल रंग के फूल शामिल करने चाहिए। इसके अलावा बिखरी हुई पंखुड़ियां, तेज गंध या महक वाले फूल मां को बिल्कुल भी नहीं चढ़ाने चाहिए। इससे मां नाराज हो जाती हैं।
भगवान शिव – मान्यता है कि भगवान शिव शंकर को केतकी या केवड़े के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। इससे भगवान शिव शंकर नाराज हो जाते हैं।
राम जी – धार्मिक मान्यता है कि राम जी की पूजा में भूलकर भी कनेर के फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से राम जी नाराज हो जाते हैं।
माता पार्वती – मदार और धतूरा भगवान शिव को प्रिय हैं, लेकिन माता पार्वती को भूलकर भी ये फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। इससे मां नाराज हो जाती हैं।
सूर्य देव – शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेव की पूजा में बेलपत्र या बिल्व का प्रयोग नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इससे भगवान सूर्य नाराज हो जाते हैं।
भगवान विष्णु – भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य के फूलों का प्रयोग भूलकर भी न करें। साथ ही माधवी और लोध के फूलों के प्रयोग से भी परहेज करें।
हनुमान जी – हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें तुलसी के पत्ते, पान के पत्ते और लाल गुलाब का फूल बहुत प्रिय है।
FAQs
भगवान को फूल चढ़ाने से क्या होता है?
फूल अर्पित करने से मनोकामनाएं जल्दी ही पूर्ण होती है।
भगवान को फूल कैसे चढ़ाते हैं?
भगवान को फूल चढ़ाते समय हमेशा अंगूठे, मध्यमा और अनामिका का प्रयोग करें।
लेख के बारे में
आज के इस लेख में हमने आपको भगवान को फूल चढ़ाने के नियम क्या है के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख फूल चढ़ाने के नियम अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।