Local Area Network In Hindi | LAN In Hindi: कई प्रकार के नेटवर्क हैं जो कंप्यूटर में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं, उनमें से सबसे महत्वपूर्ण प्रकार के नेटवर्क में से एक लैन है। आपने लैन का इस्तेमाल किया होगा। क्योंकि इस नेटवर्क का इस्तेमाल स्कूल, घर, ऑफिस आदि जगहों पर डेटा शेयर करने के लिए किया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि लैन क्या है, लैन कितने प्रकार के होते हैं, लैन बनाने के लिए किस तकनीक का उपयोग किया जाता है, लैन के क्या उपयोग हैं और लैन के फायदे और नुकसान क्या हैं।
अगर आप ऐसी सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके लैन से जुड़े सारे कन्फ्यूजन दूर हो जाएंगे।तो आइए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं कि लैन क्या है?
लैन क्या है? (LAN Kya Hai?)
LAN जिसका फुल फॉर्म होता है लोकल एरिया नेटवर्क, एक प्रकार का नेटवर्क है जिसकी मदद से हम एक लोकल एरिया में दो या दो से ज्यादा कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट कर सकते हैं।
LAN नेटवर्क का इस्तेमाल घर, ऑफिस, विद्यालय, महाविद्यालय, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर इंटरनेट के रूप में किया जाता है। एक लेन में कम से कम दो डिवाइस एक-दूसरे से कनेक्ट हो सकते हैं और लेन से हम ज्यादा से ज्यादा 1000 डिवाइस कनेक्ट कर सकते हैं।
LAN की मदद से फाइल, ईमेल, प्रिंटर, इंटरनेट एक्सेस आदि जैसे संसाधनों को साझा किया जा सकता है। आप LAN का उपयोग केवल एक निश्चित क्षेत्र में ही कर सकते हैं, यदि आप उस क्षेत्र से बाहर जाते हैं तो आप LAN का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
LAN बनाने के लिए ज्यादा हार्डवेयर की जरूरत नहीं होती है। एक LAN में केबल, एक्सेस पॉइंट, स्विच, राउटर और अन्य घटक शामिल होते हैं जो डिवाइस को वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) के माध्यम से आंतरिक सर्वर, वेब सर्वर और अन्य LAN से कनेक्ट करने में सक्षम बनाते हैं।
LAN ऑफिस, स्कूल, घरों के लिए सबसे अच्छा नेटवर्क है क्योंकि इसमें हम प्रिंटर की तरह हार्डवेयर भी शेयर कर सकते हैं। MAN और WAN नेटवर्क LAN से बड़े नेटवर्क होते हैं। LAN 100 मीटर से 1 किलोमीटर तक के क्षेत्र को कवर कर सकता है।
आमतौर पर LAN में दो या दो से अधिक डिवाइस को केबल के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाता है, लेकिन आज के समय में LAN नेटवर्क को वायरलेस तरीके से भी बनाया जाता है।
लैन की परिभाषा क्या है?
एक स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क (LAN) एक छोटे से भौगोलिक क्षेत्र जैसे घर, स्कूल, कंप्यूटर प्रयोगशाला, कार्यालय भवन, या भवनों के समूह के भीतर एक कंप्यूटर नेटवर्क है।
LAN का फुल फॉर्म क्या है? (LAN Ka Full Form Kya Hai?)
लैन का फुल फॉर्म – लोकल एरिया नेटवर्क होता है। LAN का पूरा नाम हिंदी में स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क है। आम भाषा में इसे लेन भी कहते हैं।
लैन के प्रकार | Types Of Lan In Hindi
सामान्यतः LAN दो प्रकार के होते हैं –
- क्लाइंट सर्वर लैन (Client – Server LAN)
- पीयर टू पीयर लैन (Peer To Peer LAN)
क्लाइंट सर्वर लैन
क्लाइंट सर्वर एक लैन में कई डिवाइस (क्लाइंट) एक केंद्रीय सर्वर से जुड़े होते हैं। सर्वर फाइल स्टोरेज, एप्लिकेशन एक्सेस, डिवाइस एक्सेस और नेटवर्क ट्रैफिक को मैनेज करता है। क्लाइंट कोई भी कनेक्टेड डिवाइस हो सकता है जो एप्लिकेशन या इंटरनेट तक पहुंचता है। क्लाइंट केबल या वायरलेस कनेक्शन के माध्यम से सर्वर से जुड़ते हैं। क्लाइंट सर्वर लैन का इस्तेमाल ज्यादातर छोटे ऑफिस, सरकारी रिसर्च, स्कूल, कॉलेज में किया जाता है।
पीयर – टू – पीयर लैन
जैसे क्लाइंट सर्वर लैन में सेंट्रल सर्वर होता है लेकिन पीयर-टू-पीयर लैन में सेंट्रल सर्वर नहीं होता है। सेंट्रल सर्वर क्लाइंट सर्वर लैन में अधिक कार्यभार संभाल सकता है लेकिन पीयर-टू-पीयर लैन में ऐसा नहीं है, इसलिए वे छोटे होते हैं। P2P LAN में प्रत्येक डिवाइस समान कार्य साझा करता है। डिवाइस या तो वायर्ड या वायरलेस तरीके से जुड़े होते हैं। अधिकांश घरों में उपयोग किया जाने वाला नेटवर्क पीयर-टू-पीयर लैन है।
LAN बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक
स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क (क्लाइंट सर्वर लैन) कंप्यूटर और उपकरणों को नेटवर्क से जोड़ने के लिए वाई-फाई या ईथरनेट का उपयोग करते हैं।
एक विशिष्ट वाई-फाई लैन एक या एक से अधिक वायरलेस एक्सेस पॉइंट संचालित करता है जिससे कवरेज क्षेत्र के भीतर के उपकरण जुड़े होते हैं। ये एक्सेस प्वाइंट नेटवर्क ट्रैफिक को मैनेज करते हैं जो कनेक्टेड डिवाइसेज में और उससे प्रवाहित होता है। वायरलेस ब्रॉडबैंड या राउटर घर, स्कूल, ऑफिस के लैन में एक्सेस प्वाइंट का कार्य करते हैं।
एक विशिष्ट ईथरनेट लैन जिसमें एक ईथरनेट केबल होता है जिससे हब, राउटर आदि जैसे सभी उपकरण जुड़े होते हैं।
LAN कितना बड़ा हो सकता है?
स्थानीय नेटवर्क में उपकरणों की संख्या एक या दो से लेकर कई हजार तक कहीं भी हो सकती है। कुछ उपकरण, जैसे सर्वर और प्रिंटर, LAN से स्थायी रूप से जुड़े होते हैं, जबकि मोबाइल डिवाइस जैसे लैपटॉप कंप्यूटर और फ़ोन कभी-कभी नेटवर्क से जुड़ सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।
LAN बनाने के लिए दोनों तकनीकों का उपयोग किया जाता है और इसका उद्देश्य इसके भौतिक आकार को निर्धारित करता है। वाई-फाई स्थानीय नेटवर्क, उदाहरण के लिए, व्यक्तिगत पहुंच बिंदुओं के कवरेज क्षेत्र के अनुसार आकार में होते हैं, जबकि ईथरनेट नेटवर्क अलग-अलग ईथरनेट केबल को कवर कर सकते हैं।
हालांकि, दोनों ही मामलों में, यदि आवश्यक हो, तो कई एक्सेस पॉइंट या स्विच का उपयोग करके, LAN को बहुत बड़ी दूरी को कवर करने के लिए बढ़ाया जा सकता है। अन्य प्रकार के एरिया नेटवर्क LAN से बड़े हो सकते हैं, जैसे MAN और CAN।
लैन टोपोलॉजी | LAN Topology In Hindi
- रिंग टोपोलॉजी | Ring Topology
- बस टोपोलॉजी | Bus Topology
रिंग टोपोलॉजी
रिंग टोपोलॉजी में सभी कंप्यूटर एक दूसरे से रिंग के आकार में जुड़े होते हैं। इसमें अंतिम कंप्यूटर पहले कंप्यूटर से जुड़ा होता है। रिंग टोपोलॉजी की संरचना बिल्कुल रिंग की तरह होती है। इस टोपोलॉजी में डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर किया जाता है। इस टोपोलॉजी में डेटा को केवल एक ही दिशा में स्थानांतरित किया जाता है।
इस टोपोलॉजी का उपयोग LAN और WAN नेटवर्क में किया जाता है। इस टोपोलॉजी का कोई अंत नहीं है क्योंकि प्रत्येक कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़ा हुआ है।
बस टोपोलॉजी
बस टोपोलॉजी सबसे सरल प्रकार की टोपोलॉजी है जिसमें डेटा ट्रांसफर के लिए केवल एक बस या चैनल का उपयोग किया जाता है। इस टोपोलॉजी में कंप्यूटर को जोड़ने के लिए RJ-45 केबल्स का उपयोग किया जाता है। बस टोपोलॉजी में डेटा को केवल एक ही दिशा में स्थानांतरित किया जा सकता है। इस टोपोलॉजी को इंस्टाल करने में कम खर्चा आता है।
लैन के उपयोग
लोकल एरिया नेटवर्क स्कूलों, घरों, कार्यालयों आदि जैसे स्थानों पर डेटा साझा करना आसान बनाते हैं। लैन की मदद से, आप हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, इंटरनेट जैसी महत्वपूर्ण चीजें साझा कर सकते हैं, जिससे कम लागत में अधिक काम हो सकता है। स्थानीय क्षेत्र में डेटा साझा करने के लिए LAN का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही डाटा को सेंट्रल सर्वर में स्टोर किया जाता है ससे कि किसी फाइल की रिकवरी आसान होती है।
लैन के लाभ
- LAN की मदद से हम कंप्यूटर के संसाधन जैसे प्रिंटर, स्कैनर, मोडेम, DVD-ROM ड्राइव आदि साझा कर सकते हैं। जिसकी मदद से हमारे हार्डवेयर की लागत बच जाती है।
- LAN की मदद से हम सॉफ्टवेयर शेयर कर सकते हैं जिससे हमें हर डिवाइस के लिए अलग सॉफ्टवेयर लाइसेंस लेने की जरूरत न होती ।
- डेटा और संदेशों को नेटवर्क से जुड़े अन्य कंप्यूटरों के साथ आसानी से साझा किया जा सकता है।
- चूंकि डेटा सर्वर कंप्यूटर पर संग्रहीत होता है, इसलिए डेटा को केवल एक ही स्थान पर प्रबंधित करना आसान होता है और डेटा अधिक सुरक्षित भी होता है।
- लोकल एरिया नेटवर्क सभी उपयोगकर्ताओं के बीच इंटरनेट साझा करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
लैन के नुकसान
LAN के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं जैसे –
- प्रारंभ में, LAN को स्थापित करने की लागत अधिक होती है। क्योंकि सर्वर बनाने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है और साथ में ईथरनेट केबल, स्विच, हब, राउटर, केबल जैसे संचार उपकरण महंगे होते हैं।
- LAN में कोई गोपनीयता नहीं होती है क्योंकि प्रत्येक LAN उपयोगकर्ता अन्य LAN उपयोगकर्ता की डेटा फ़ाइलें, कंप्यूटर और इंटरनेट इतिहास देख सकता है।
- लोकल एरिया नेटवर्क में एक लैन एडमिनिस्ट्रेटर की आवश्यकता होती है क्योंकि लोकल एरिया नेटवर्क में सॉफ्टवेयर इंस्टालेशन, प्रोग्राम फॉल्ट या हार्डवेयर फेल्योर या केबल डिस्टर्बेंस जैसी समस्याएं होती हैं।
- LAN केवल एक सीमित क्षेत्र को कवर कर सकता है।
लैन और वैन के बीच अंतर | Difference Between LAN and WAN In Hindi
- लैन का पूरा नाम लोकल एरिया नेटवर्क है। वैनका पूरा नाम वाइड एरिया नेटवर्क है।
- लैन की सीमा बहुत कम है। इसका उपयोग स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में किया जाता है। वैन की रेंज बहुत ज्यादा होती है, इसका इस्तेमाल शहर में होता है।
- लैन एक निजी नेटवर्क है। वैन निजी और सार्वजनिक दोनों नेटवर्क है।
- लैनतेज गति से डाटा ट्रांसफर करता है। वै धीमी गति से डेटा ट्रांसफर करता है।
- लैन को बनाए रखना आसान है। वैन को मेंटेन करना आसान नहीं होता।
- लैन में फाल्ट टॉलरेंस अधिक होता है। वैन में फाल्ट टॉलरेंस कम होता है।
- लैन प्रसारण के सिद्धांत पर काम करता है। वैन पॉइंट टू पॉइंट के सिद्धांत पर काम करता है।
- लैन में कंप्यूटर को जोड़ने के लिए इथरनेट केबल का इस्तेमाल किया जाता है। इस नेटवर्क में कंप्यूटर को जोड़ने के लिए PSTN और सैटेलाइट लिंक का उपयोग किया जाता है।
सवाल – जवाब
लैन का पूर्ण रूप क्या है ?
LAN का फुल फॉर्म लोकल एरिया नेटवर्क है।
लैन की रेंज क्या है?
LAN की रेंज 100 से 1000 मीटर तक हो सकती है।
LAN की सहायता से कितने उपकरणों को जोड़ा जा सकता है?
LAN की मदद से कम से कम 2 डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है, जरूरत पड़ने पर आप हजारों डिवाइस को LAN से भी कनेक्ट कर सकते हैं।
लैन कैसे जुड़ा जुड़ा है?
एक वायर्ड लैन सभी उपकरणों को एक साथ जोड़ने के लिए एक ईथरनेट केबल का उपयोग करता है। और वायरलेस लैन वाई-फाई का उपयोग करके बनाया जाता है।
लैन की गति क्या है?
लैन की अधिकतम स्पीड 1000 एमबीपीएस हो सकती है।
लेख के बारे में
इस आर्टिकल (Local Area Network In Hindi | LAN In Hindi) को पूरा पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि लेन क्या है। इस लेख (Local Area Network In Hindi | LAN In Hindi) में, हमने आपको LAN के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है। हम आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह (Local Area Network In Hindi | LAN In Hindi) लेख पसंद आया होगा, इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।