किस महीने में लड़का होता है – आप एक बेटी या एक बेटे की मां बनने वाली हैं, यह जानने की इच्छा गर्भावस्था के पहले दिन से ही बहुत अधिक होती है। जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उस महिला और परिवार के मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि पेट में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। अजन्मे बच्चे के बारे में पहले से जानना भारत में कानूनी अपराध माना जाता है, इसलिए कोई भी प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं करवा सकता है। लेकिन कुछ ऐसे लक्षण गर्भावस्था के दौरान नजर आते हैं, जिससे यह पता चल सके कि गर्भ में लड़का है या फिर लड़की।
आज इस लेख में हम आपको उन्ही लक्षणों के बारे में बताने वाले है, जिससे आप यह जान सकते है की गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की।
आज इस लेख के माध्यम से हम आपको किस महीने में लड़का होता है, किस महीने में लड़का पैदा होता है के बारे में बताने वाले है। अगर आप यह जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो हमारे आज के इस लेख को आखिरी तक अवश्य पढ़े।
किस महीने में लड़का पैदा होता है (Kis Mahine Me Ladka Hota Hai)
एक महिला के गर्भवती होने के बाद लड़का हो या लड़की सभी का जन्म नौवें महीने में ही होता है। इसलिए अगर आप सोच रहे है की लड़का और लड़की का जन्म अलग – अलग महीने होता है, तो यह गलत है।
लेकिन हमने नीचे लड़के होने के कुछ लक्षण बताए हैं, जिससे आप जान सकते हैं कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या फिर लड़की।
उल्टी कम होना – जब भी कोई महिला गर्भवती होती है, तो उल्टी आना सामान्य बात मानी जाती है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि अगर गर्भवती महिला को उल्टी कम हो रही है तो मान लीजिए गर्भ में लड़का है और अगर उल्टी ज्यादा हो रही है तो लड़की है।
गर्भ का आकार – माना जाता है कि अगर गर्भ में लड़का है तो महिला के पेट का आकार लंबा होता है, जो नीचे की तरफ ज्यादा होता है। और अगर लड़की है तो पेट का आकार गोल होता है, जो आगे की तरफ ज्यादा नजर आता है।
चेहरे पर मुंहासे और कील – अगर आपके चेहरे पर ज्यादा पिंपल्स हैं। आपकी आंखों के नीचे काले घेरे बन रहे हैं, तो ऐसा माना जाता है कि गर्भ में लड़का है। क्योंकि लड़की होने पर यह समस्या नहीं होती है और अगर होते भी हैं तो बहुत कम।
यूरिन का रंग – अगर गर्भवती महिला के यूरिन का रंग ज्यादा पीला है, तो माना जाता है कि गर्भ में लड़का है। लेकिन गर्भवती महिला के यूरिन का रंग हल्का पीला होता है, तो माना जाता है कि गर्भ में लड़की है।
मिजाज़ – गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग होना सामान्य माना जाता है। यानी महिला कुछ समय के लिए खुश और कुछ समय के लिए चिड़चिड़ी दिखेगी। लेकिन मूड स्विंग्स बहुत जल्दी हो रही हैं, तो माना जाता है कि गर्भ में लड़का है और स्त्री का मूड सामान्य रहता है. तो माना जाता है कि गर्भ में कन्या है।
खाने की इच्छा – गर्भावस्था के दौरान महिला को अलग-अलग स्वाद का खाना खाने की इच्छा अधिक होती है, जैसे कभी-कभी कुछ खट्टा खाने का मन करता है। ऐसे में कई बार मीठा या नमकीन खाना खाने की भी इच्छा होती है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान आपका मसालेदार और नमकीन खाना खाने का मन करता है, तो पेट में पल रहा बच्चा लड़का होता है।
हाथ पैर की स्थिति – अगर गर्भावस्था के दौरान हाथों और पैरों की त्वचा रूखी और ठंडी हो जाती है। तो माना जाता है कि गर्भ में लड़का है। वहीं जब वह लड़की होती है तो ऐसा कुछ नहीं होता है।
स्तन का आकार – गर्भावस्था के समय हार्मोनल परिवर्तन से स्तन के आकार में बदलाव होता है। अगर महिला का दाहिना स्तन बड़ा और भारी है और बायां स्तन छोटा होता है, तो माना जाता है कि गर्भ में लड़का है।
लेख के बारे में
आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको किस महीने में लड़का होता है, किस महीने में लड़का पैदा होता है (Kis Mahine Me Ladka Hota Hai) के बारे में जानकारी दी है। इसके साथ उन लक्षणों के बारे में भी बताया है, जिनसे आप यह पता लगा सकते है की गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की।
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