बंगाल टाइगर के बारे में बताओ – बंगाल टाइगर या बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। यह सम्मान उनकी ताकत को देखते हुए दिया गया है। बाघ की एक दहाड़ से पूरा जंगल कांप उठता है, इनकी प्रजाति इतनी ताकतवर होती है कि ये अकेले ही पूरे जंगल के जानवरों से मुकाबला कर सकती है। ऐसे में अब आपको उनकी ताकत का अंदाजा हो गया होगा। तो आएये जानते बंगाल टाइगर से जुड़ी कुछ खास बातें –
बंगाल टाइगर के बारे में बताओ (About Bengal Tiger In Hindi)
बंगाल टाइगर का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह भारत में पाए जाने वाले सबसे सुंदर और शक्तिशाली जानवरों में से एक है।
बंगाल टाइगर को अक्सर रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है। वे अपनी ताकत, चपलता और चालाकी के लिए जाने जाते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि ब्रिटिश शासन के दौरान, सुंदरवन में ब्रिटिश शाही परिवार द्वारा एक बंगाल टाइगर का शिकार किया गया था। तभी से इन सभी बाघों को रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाने लगा।
बंगाल टाइगर प्रजाति भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और दक्षिण तिब्बत के तराई वाले जंगलों में पाई जाती है। अगर भारत की बात करें तो यह ज्यादातर बंगाल के सुंदरबन जंगल में पाए जाते है। हालाँकि, वनों की कटाई और बढ़ते शिकार के कारण यह ख़तरे में है।
बंगाल टाइगर की दहाड़ सुनकर आप भी हैरान हो सकते हैं। उनकी एक दहाड़ करीब 4 किलोमीटर तक गूंजती है। यही कारण है कि उन्हें जंगलों का राजा कहा जाता है। विश्व वन्यजीव कोष और ग्लोबल टाइगर फोरम के अनुसार, दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत बाघ भारत में रहते हैं।
अगर भारत में पाए जाने वाले बंगाल टाइगर की बात करें तो यहां पांच प्रकार के बाघ पाए जाते हैं।
1) व्हाइट टाइगर
2) गोल्डन बंगाल टाइगर
3) ब्लैक बंगाल टाइगर
4) स्नो टाइगर
5) दलदली बाघ
बाघ की सूंघने और सुनने की शक्ति बहुत अच्छी होती है। बंगाल टाइगर अकेले रहना पसंद करते हैं। वे दिन में घूमते हैं और रात में शिकार करते हैं। वे बहुत अच्छे तैराक भी होते हैं और अपने बड़े शरीर के बावजूद पेड़ों पर बहुत आसानी से चढ़ जाते हैं।
नर बंगाल बाघ का वजन 180 से 300 किलोग्राम के बीच होता है। इस प्रजाति की मादाओं का वजन 100 से 160 किलोग्राम के बीच होता है।
अब तक पाए गए सबसे बड़े रॉयल बंगाल टाइगर का वजन लगभग 400 किलोग्राम था। रॉयल बंगाल टाइगर मांसाहारी होते हैं। वे मुख्यतः चीतल, हिरण, गाय, भैंस जैसे मध्यम आकार के शाकाहारी जानवरों का शिकार करते हैं।
बंगाल टाइगर भारत के कई राष्ट्रीय उद्यानों में रहते हैं। वे विशेष रूप से घास के मैदानों और सूखी झाड़ियों में रहते हैं। सबसे अधिक रॉयल बंगाल टाइगर्स कर्नाटक के बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं। इसके बाद उत्तराखंड और मध्य प्रदेश का नंबर आता है। ।
बाघ दुनिया में अपनी ताकत के लिए जाना जाता है। वह एक अद्भुत शिकारी भी है। बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है। बाघों की सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है।
इस जानवर की ताकत के पीछे का पूरा राज इसका मजबूत शरीर है जो अन्य जानवरों की तुलना में काफी अलग है।अगर बाघ के आकार की बात करें तो इसके शरीर की कुल लंबाई लगभग पांच से छह फीट होती है। इनकी पूँछ लगभग तीन फुट लम्बी होती है। इनका मांसल शरीर काफी स्वस्थ और मजबूत होता है, जिसका वजन लगभग 250 से 300 किलोग्राम होता है। इसके बावजूद यह करीब 16 फीट तक छलांग लगा सकता है।
अपने शिकार को पकड़ने के लिए यह तूफान की गति से उस पर हमला करता है। ह बाघ के जबड़े से शिकार का बच पाना नामुमकिन है। क्योंकि बाघ की व्यापक शक्ति लगभग 1050 पीएसआई है, जिसके कारण वह शिकार पर अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है।
ये बड़े से बड़े जानवर को भी अपने जबड़े में दबाकर मार सकते हैं। यहां तक कि भैंसे जैसे भारी और ताकतवर जानवर की गर्दन भी टूट सकती है। आप इसकी ताकत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं। इसकी काटने की शक्ति शेर की काटने की शक्ति से भी अधिक होती है।
अगर इसके दांतों की बात करें तो इनका पैटर्न काफी चौंकाने वाला है। दरअसल, बाघ के मुंह में 30 दांत होते हैं, जिन्हें देखने पर ऐसा लगता है मानो इन्हें मुंह में बहुत प्लानिंग से लगाया गया हो। इसके आगे के चार नुकीले दाँत बहुत नुकीले होते हैं, जिनका इस्तेमाल ये शिकार को पकड़ने और उसकी हड्डियाँ तोड़ने के लिए करते हैं। इन दांतों को ‘नाइन्टीन्थ’ कहा जाता है जो तीन से चार इंच लंबे होते हैं।
ये बाघ मुँह से 100 किलो तक वजन उठा सकता है। बाघ के ऊपरी दांत 10 सेंटीमीटर लंबे होते हैं, जो इंसान की उंगलियों के बराबर होते हैं। इसके अलावा इनकी जीभ इतनी खुरदरी होती है कि अगर ये किसी को चाट भी ले तो उसका खून निकल जाए। जीभ खुरदुरी होने के कारण बाघ नदी या तालाब का पानी जीभ से सोखकर नहीं पी पाता, बल्कि जीभ को कप जैसा आकार देकर उसमें पानी भरकर पीता है।
बाघ के दांत और जीभ की तरह उनका पंजा भी बहुत मजबूत होता है। जिसका आकार लगभग 8-8 इंच होता है। इनके पंजों में बहुत नुकीले नाखून होते हैं जो शिकार करने में बहुत मदद करते हैं। इनका पंजा एक हथियार की तरह होता है, जो इन्हें अपने शिकार को पकड़ने में काफी मदद करता है। इसके अलावा बाघ के पंजे गद्देदार होते हैं, जिससे उन्हें बिना कोई आवाज किए घात लगाकर अपने शिकार तक पहुंचने में आसानी होती है।
बाघ अपने मजबूत पैरों की मदद से ही ये बड़े से बड़े जानवर को भी अपना शिकार बनाने में सक्षम होते हैं। वे काफी शक्तिशाली हैं. ये इतने ताकतवर होते हैं कि मरने के बाद भी कुछ समय तक अपने पैरों पर खड़े रह सकते हैं।
इसके अलावा बाघ की पूंछ भी उसके शरीर की मजबूती में अहम भूमिका निभाती है। बाघ की पूँछ उसके शरीर की लंबाई की लगभग एक तिहाई होती है, जो दौड़ते समय बाघ को संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। इसका मतलब यह है कि बाघ के मजबूत होने में उसके शरीर का हर अंग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लेख के बारे में
आज के इस लेख में हमने आपको बंगाल टाइगर के बारे में जानकारी हिंदी में (Bengal Tiger Information In Hindi) दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख टाइगर के बारे में जानकारी – बंगाल टाइगर के बारे में बताओ अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।