Franchise Meaning In Hindi: जब हम अपना नया बिजनेस शुरू करते हैं तो सबसे बड़ी मुश्किल हमारे सामने आती है अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने और उसे बाजार में पहचान दिलाने की।
इसलिए आज हम आपकी इसी समस्या का समाधान लेकर आए हैं। आपकी इस समस्या का समाधान फ्रेंचाइजी है। अगर आपको किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी मिल जाती है तो आप उसके जरिए उस कंपनी के ब्रांड नाम का उपयोग करके आप अपनी सुविधा के अनुसार शाखा शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको उस कंपनी के साथ अनुबंध कराना होगा और उसके लिए कुछ शुल्क भी देना होगा।
अगर आपको किसी कंपनी की फ्रैंचाइजी खोलने के लिए मिल जाती है तो आप उसके ब्रांड और उसके बिजनेस करने के तरीके, उसकी तय कीमतों और टेक्नोलॉजी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
फ्रेंचाइजी क्या है? (What Is Franchise In Hindi)
अगर आप कम समय में अपना खुद का एक नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प फ्रेंचाइजी बिजनेस है। फ़्रैंचाइज़ी व्यवसाय मॉडल में सफलता दर अधिक और विफलता दर बहुत कम होती है।
फ्रेंचाइजी बिजनेस में आपको कंपनी के ट्रेडमार्क का उपयोग करने का अधिकार मिल जाता है। फ्रेंचाइजी के जरिए आप किसी दूसरी कंपनी के पहले से मशहूर ब्रांड नेम को अपने बिजनेस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
फ़्रैंचाइज़ी बिजनेस में स्टार्टअप लागत बहुत कम होती है क्योंकि बिजनेस मॉडल पहले ही विकसित होता है।
आप इसकी ब्रांच अपने राज्य में शुरू कर सकते है। इसके लिए आपको उस कंपनी के साथ कंट्रैक्ट करना होता है और उसके लिए कुछ शुल्क भी देना होता है। अगर आप उस कंपनी के साथ फ्रेंचाइजी खोलने का एग्रीमेंट कर लेते हैं तो आप उसके ब्रांड नेम, उसके बिजनेस करने के तरीके, उसकी तय कीमतों और टेक्नोलॉजी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
फ्रेंचाइजी का मतलब क्या है? (Meaning Of Franchise In Hindi)
फ्रेंचाइजी का मतलब होता है – मताधिकार, विशेष अधिकार, विशेष विक्रय अधिकार।
फ्रेंचाइजी का मतलब सीधा सा मतलब होता – किसी कंपनी या ब्रांड का नाम और ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करके उस कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विस को बेचने का लीगल अधिकार प्राप्त करना।
फ्रेंचाइजी एक ऐसा बिजनेस है जिसमें कंपनी का मालिक अपने लोगो, कंपनी का नाम, कंपनी मॉडल आदि के अधिकार किसी तीसरे पक्ष को बेच देता है। तीसरी पार्टी जिसे कंपनी का मालिक अपने सारे अधिकार बेचता है, फ्रेंचाइजी कहलाती है।
फ्रेंचाइजी के प्रकार (Types Of Franchise In Hindi)
फ्रेंचाइजी बिजनेस करने का एक तरीका है। मुख्य रूप से फ्रेंचाइजी बिजनेस को तीन अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। अगर कहे तो फ्रेंचाइजी तीन तरह की होती हैं। इन्हें तीन भागों में बांटने का मुख्य कारण अलग-अलग कार्यक्षेत्रों का होना है। जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे है –
- व्यापार प्रारूप फ्रेंचाइजी
- उत्पाद वितरण फ्रेंचाइजी
- उत्पाद निर्माण फ्रेंचाइजी
व्यापार प्रारूप मताधिकार (Business Format Franchise)
बिजनेस फॉर्मेट फ्रैंचाइजी में फ्रैंचाइजी, उसका नाम और उसके ब्रांड सहित स्वतंत्र रूप से चलाने के लिए उस कंपनी द्वारा दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं। यह फ्रेंचाइजी एक स्थापित व्यवसाय प्रदान करती है। यह अधिकांश व्यवसायियों द्वारा उपयोग की जाने वाली सबसे सामान्य प्रकार की फ्रेंचाइजी है।
उत्पाद वितरण मताधिकार (Product Distribution Franchise)
यदि आप इस प्रकार के फ्रेंचाइजी लेते हैं तो यह फ्रेंचाइजी आपको अपना उत्पाद बेचने की अनुमति तो देती है, लेकिन यह फ्रेंचाइजी अपनी तरफ से बिजनेस में आपकी मदद नहीं करती है। इसमें आपके साथ कंपनी का रिश्ता सेलर जैसा ही होता है, लेकिन आप उसके ब्रांड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह के सबसे अच्छे उदाहरण को ब्रांडेड गैस एजेंसी की फ्रेंचाइजी माना जा सकता है। जिसमें आप उनके ब्रांड का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन आपके बिजनेस करने के तरीके से कंपनी का कोई लेना-देना नहीं होता है।
उत्पाद निर्माण मताधिकार (Product Manufacturing Franchise)
इस प्रकार की फ्रेंचाइजी में कंपनी अपने उत्पाद बनाने और फ्रेंचाइजी द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देती है, वह भी अपने ब्रांड, नाम, चिह्न, लोगो और सभी चीजों का उपयोग करके। कई खाद्य और पेय उत्पाद बनाने वाली कंपनियां जैसे पीने के पानी की बोतलें इस प्रकार की फ्रेंचाइजी को बढ़ावा देती हैं।
कैसे लें फ्रेंचाइजी? (How To Take Franchise In Hindi)
जब भी हम किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के बारे में सोचते हैं तो हमें इस बात का ध्यान रखना होता है कि हर फ्रेंचाइजी की कुछ फीस होती है जो हमें देनी होती है। फ्रेंचाइजी लेने के लिए हर कंपनी की फ्रेंचाइजी फीस अलग होती है।
कुछ कंपनियाँ आपको अपना उत्पाद बेचने की अनुमति देने के बदले उस उत्पाद को बेचने में हुए लाभ का कुछ प्रतिशत भी लेती हैं। यह एक शुल्क की तरह है और कंपनी आपसे कितना प्रतिशत शुल्क लेगी, यह कंपनी के साथ आपके समझौते पर निर्भर करता है।
फ्रेंचाइजी खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required To Open A Franchise In Hindi)
फ्रैंचाइजी खोलने के लिए आपको फ्रैंचाइजी डिस्क्लोजर डॉक्युमेंट बनाना होगा। इस दस्तावेज़ में आपके फ्रैंचाइज़ी से संबंधित सभी जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि फ्रैंचाइज़ी को कैसे चलाना है, कहाँ खोलना है जैसी मुख्य बातें होती है।
दूसरा महत्वपूर्ण दस्तावेज है फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट जिसे आप आसानी से किसी वकील से बनवा सकते हैं। इस एग्रीमेंट पर कंपनी और आपके हस्ताक्षर होना जरूरी है। इसका मुख्य उद्देश्य फ्रेंचाइज़र की शर्तों को स्वीकार करना और व्यवसाय से संबंधित समझौते का लिखित प्रमाण बनाना है ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।
कुछ और दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जैसे –
- फोटोग्राफ
- ईमेल आईडी
- फोन नंबर
- अन्य दस्तावेज
- टिन नंबर और जीएसटी नंबर
- पासबुक के साथ बैंक खाता
- पता प्रमाण – राशन कार्ड, बिजली बिल,
- आईडी प्रूफ – आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड
फ्रेंचाइजी नियम और शर्तें (Franchise Terms And Conditions In Hindi)
अगर हम किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने जाते हैं तो हमें कुछ नियम और शर्तों का पालन करना होता है जैसे –
फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपको कंपनी द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। आपने फ्रेंचाइजी खोलने के लिए जिस जगह का चयन किया है, कंपनी उसका जायजा लेगी, इसके लिए आपको पहले से तैयारी करनी होगी, आपको उचित जगह का चुनाव करना होगा।
फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपको एक बिजनेस प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी बनानी पड़ेगी, जिसमें लोकेशन और आपकी फ्रेंचाइजी से जुड़े सभी दस्तावेज देने होते है। ताकि आपकी फ्रेंचाइजी खुलने का प्रूफ फ्रेंचाइज़र के पास रहे, इसके लिए आपको वकील से एग्रीमेंट भी बनवाना होगा। इसके बाद आप जिस कंपनी की फ्रेंचाइजी लेकर बिजनेस चलाना चाहते हैं, उसकी दीवारों पर किस तरह का पेंट किया जाना है, आप इसका कच्चा माल कहां से खरीदेंगे आदि। इन सभी चीजों की विस्तृत जानकारी कंपनी से लेने के बाद ही आपको फ्रेंचाइजी शुरू करनी होगी।
इसके साथ ही ये सभी चीजे अपने फ्रेंचाइजी के ऑपरेशन मेन्यू में पूरी तरह से लिखनी हैं। फ्रेंचाइजी बॉन्ड साइन करते समय आपको कंपनी के सभी नियमों और विनियमों का पालन करना होगा और उन्हें यह भी बताना होगा कि आप सभी का पालन करेंगे। और आप ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे कंपनी की छवि खराब हो। फ्रेंचाइजी शुल्क के भुगतान के साथ आपको समझौते या अनुबंध पत्र के अनुसार प्रति उत्पाद बेचने पर लाभ का कुछ प्रतिशत कंपनी को देना होगा।
भारत में कौन सी कंपनियां फ्रेंचाइजी देती है? (Franchise Companies In India In Hindi)
खाद्य और पेय उत्पाद कंपनियां
दुनियाभर के फूड सेक्टर में कई कंपनियां फ्रेंचाइजी देने के लिए आगे आ रही हैं। अगर भारत की बात करें तो यहां भी पिज्जा द ढाबा, सबवे, मैकडॉनल्ड्स कॉर्प, पतंजलि, डोमिनोज पिज्जा, बर्गर किंग, पिज्जा हट और केएफसी जैसी कई कंपनियां अपनी फ्रेंचाइजी खोलने का मौका दे रही हैं।
शिक्षा केंद्र और प्रशिक्षण कंपनियां
शिक्षा केंद्र और प्रशिक्षण क्षेत्र की कई कंपनियां अपने नाम से फ्रेंचाइजी देने के लिए आगे आई हैं। जिनमें सरकारी फ्रेंचाइजी जैसे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना फ्रेंचाइजी, अलोहा इंडिया, शिक्षा जूनियर, टीएमसी शिपिंग और नोवटेक रोबो फ्रेंचाइजी आदि शामिल हैं।
स्वास्थ्य और सौंदर्य कंपनियां
हेल्थ और ब्यूटी से जुड़ी कई कंपनियां भी अपनी फ्रेंचाइजी खोलने का मौका दे रही हैं। जिसमें मुख्य रूप से पतंजलि, जावेद हबीब हेयर एंड ब्यूटी, कीवा आयुर्वेद हेल्थकेयर, रीलुकिंग आदि शामिल हैं।
रिटेलर और कंसल्टेंसी कंपनियां
रिटेलर और कंसल्टेंसी के क्षेत्र में भी कई कंपनियां अपनी फ्रेंचाइजी देती हैं जैसे- लैक्मे सैलून, कॉटन किंग, ब्रांड्स डैडी आदि रिटेलर कंपनियां हैं, जो अपनी फ्रेंचाइजी देने में रुचि रखती हैं। ब्रेन चेकर टेक्नो सर्विस, बिजनेस डॉक्टर सबसे अच्छी सलाहकार (सुझाव) कंपनियां हैं, जो भारत में अपनी फ्रेंचाइजी खोलने की अनुमति देती हैं
उपरोक्त कंपनियों के अलावा और भी कई कंपनियां हैं जो अपनी फ्रेंचाइजी खोलने की सुविधा प्रदान करती हैं।
फ्रेंचाइजी के फायदे (Advantages Of Franchise In Hindi)
फ्रेंचाइजी कंपनी खोलने के कई फायदे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपकी कंपनी में पैसा लगाने वाला व्यक्ति मिल जाता है, साथ ही कंपनी की कमाई भी जल्दी और तेजी से होने लगती है। इसके साथ ही बिना ज्यादा मेहनत किए कंपनी के फ्रेंचाइजी ब्रांड के कारण उत्पाद को देश और दुनिया के कोने-कोने में आसानी से पहुंचाया जा सकता है।
फ्रेंचाइजी लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब हम अपना नया बिजनेस शुरू करते हैं तो सबसे बड़ी मुश्किल अपनी खुद की ब्रांड पहचान बनाने में होती है, लेकिन फ्रेंचाइजी में ऐसा नहीं होता है। यंहा आपको एक बनी बनाई पहचान और ब्रांड मिल जाता है, जो आपकी कई सालों की मेहनत बचा लेता है। क्योंकि एक उत्पाद को ब्रांड बनने में कई साल लग जाते हैं लेकिन फ्रेंचाइजी में आपको यह सब रेडीमेड मिल जाता है। बहुत से लोग ब्रांड के नाम की ओर स्वत: ही आकर्षित हो जाते हैं मतलब बिना मेहनत किए आपको कई ग्राहक मिल जाते हैं।
इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि आपको अपने उत्पाद की कीमत से कभी भी समझौता नहीं करना पड़ता। बाजार के उतार-चढ़ाव में भी आपके उत्पाद की कीमत ब्रांड के कारण हमेशा अच्छी और स्थिर रहती है। क्योंकि लोगों को पता ही नहीं चलता कि आप इसे बना रहे हैं, लोग सोचते हैं कि इसे कोई बड़ी कंपनी बना रही है।
फ्रेंचाइजी के नुकसान (Disadvantages Of Franchise In Hindi)
फ्रेंचाइजी लेने के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। अगर आपने फ्रेंचाइजी ली है तो आपको लंबे समय तक आर्थिक रूप से बंधे रहना होगा।
आपने जिस कंपनी की फ्रेंचाइजी ली है, उस कंपनी ने दूसरे लोगों को भी अपनी फ्रेंचाइजी दी है। यदि कोई फ्रेंचाइजी लेकर घटिया सामग्री बनाकर गलत उत्पाद बनाकर बाजार में बेचता है तो इससे कंपनी की मार्केट वैल्यू मूल्य खराब हो जाती है। जिसका प्रभाव आप पर भी पड़ेगा। अच्छा प्रोडक्ट बनाने के बाद भी आपकी मार्केट वैल्यू कम ही रहेगी।
यदि आपके पास अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ाने का कोई समाधान या कोई नया तरीका है तो आप इसे अपनी मर्जी से इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको फ्रेंचाइज़र से परामर्श करना होगा।
अगर किसी वजह से आपका बिजनेस बंद हो जाता है तो फ्रेंचाइजी देने वाली कंपनी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। जो नुकसान होगा उसके जिम्मेदार आप होंगे, आपको ही वहन करना होगा।
फ्रेंचाइजी चुनने में बरतें ये सावधानियां
फ्रेंचाइजी लेने से पहले आपको यह जानकारी हासिल करनी होगी कि आप जिस कंपनी की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं उसकी ब्रांड वैल्यू क्या है, मार्केट में उसकी डिमांड क्या है, क्या भविष्य में भी उसकी डिमांड रहने वाली है या नहीं। इसके बारे में रिसर्च कर ले।
इसके अलावा कंपनी के काम करने का तरीका कैसा है और फ्रेंचाइजी लेने की फीस कितनी है आदि जरूरी बातों को बारे में पता लगा लेना है।
साथ ही आपको इससे होने वाले फायदे और नुकसान का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना होगा। इसके लिए आपको सबसे पहले उस व्यक्ति से मिलना चाहिए जिसने पहले से ही उस फ्रेंचाइजी को ले रखा है। वह आपको अपने अनुभव के बारे में अच्छे से बता सकता है। ताकि भविष्य में बिजनेस में आने वाली दिक्कतों से बचा जा सके।
फ्रेंचाइजी हमेशा अपनी क्षमता और कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर ही लें, क्योंकि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए इन दोनों की बहुत जरूरत होती है। आप अपने टैलेंट को ध्यान में रखते हुए फ्रेंचाइजी लेने का फैसला करते हैं।
FAQs For Franchise Meaning In Hindi
फ्रेंचाइजी का हिंदी अर्थ क्या है?
फ्रेंचाइजी का हिंदी अर्थ होता है – किसी कंपनी द्वारा किसी को विशेष विक्रय का अधिकार देना।
कितने प्रकार की फ्रेंचाइजी होती है?
फ्रेंचाइजी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है – व्यापार प्रारूप फ्रेंचाइजी, उत्पाद वितरण फ्रेंचाइजी और उत्पाद निर्माण फ्रेंचाइजी।
किस कंपनी की फ्रेंचाइजी लेना सबसे अच्छा है?
ऐसी कंपनी की फ्रैंचाइजी लेना सबसे अच्छा होता है जिसकी मार्केट वैल्यू अच्छी हो और जिसके उत्पाद की डिमांड ज्यादा हो और उसकी डिमांड भविष्य में बढ़ने की उम्मीद हो।
फ्रेंचाइजी लेने के लिए किन चीजों की जरूरत होती है?
फ्रेंचाइजी खोलने के लिए आपके पास अच्छी लोकेशन में जमीन या जगह होनी चाहिए, साथ ही जरूरी दस्तावेज और फ्रेंचाइजी फीस चुकाने के लिए पैसे की व्यवस्था होनी चाहिए।
किस तरह की फ्रेंचाइजी अच्छी है?
बिजनेस फॉर्मेट फ्रेंचाइजी आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। इस प्रकार की फ्रैंचाइज़िंग व्यवस्था में, आपको स्वतंत्र रूप से चलाने के लिए फ्रैंचाइजी, उसका नाम और ब्रांड सहित उस कंपनी द्वारा आपको दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं।
लेख के बारे में
आज के लेख में हमने आपको फ्रेंचाइजी क्या है, फ्रेंचाइजी के प्रकार, फ्रेंचाइजी के फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा होगा। अगर आपको यह लेख फ्रेंचाइजी मीनिंग इन हिंदी (Franchise Meaning In Hindi) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।