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एक सांप के कितने दांत होते हैं (Ek Saanp Ke Kitne Dant Hote Hain)

एक सांप के कितने दांत होते हैं (एक सांप के मुंह में कितने दांत होते हैं) – Ek Saanp Ke Munh Mein Kitne Dant Hote Hain)

एक सांप के कितने दांत होते हैं – सांप एक खतरनाक जीव है और उसे खतरनाक बनाता है उसका जहर। धार्मिक ग्रंथों में इन्हें देवताओं के तुल्य कहा गया है। भविष्य पुराण में उन्हें एक पूरा कल्प समर्पित किया गया है जिसमें कहा गया है कि सांप किसी को यूं ही नहीं काटते। आमतौर पर वे यम के आदेश पर विष का विष का प्रहार करते हैं और इसके लिए वे यमदूती के दांतों का इस्तेमाल करते हैं। जन्म के 20 दिन बाद ही कोबरा और अन्य जहरीले सांप अपने जहर से किसी की भी जान लेने की क्षमता हासिल कर लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते है एक सांप के कितने दांत होते हैं, अगर नहीं तो आइये जानते है –

एक सांप के कितने दांत होते हैं (Ek Saanp Ke Kitne Dant Hote Hain In Hindi)

सांप के मुंह में लगभग 200 दांत होते हैं, लेकिन ये दांत शिकार को पकड़ने के लिए होते हैं, चबाने के लिए नहीं।शास्त्रों के अनुसार सांप के दांत अपने जीवनकाल में 7 बार निकलते हैं।

बता दें कि सांप के 4 जहरीले दांत होते हैं, जिन्हें मकरी, कराली, कालरात्रि और यमदूती कहा जाता है। यमदूती सबसे छोटा दांत है। सांप द्वारा काटे गए किसी भी व्यक्ति का इस दांत के साथ जीवित रहना असंभव है। पुराणों में कहा गया है कि सांप के दांतों में हमेशा जहर नहीं होता है। जहर दाहिनी आंख के पास एक ग्रंथि में जमा होता है। जब सांप को गुस्सा आता है तो जहर पहले दिमाग में पहुंचता है और फिर धमनियों के जरिए दांतों तक पहुंचता है।

जहर फैलने की गति के संबंध में पुराण में कहा गया है कि त्वचा में प्रवेश करते ही जहर की गति दोगुनी हो जाती है। जहर खून को छूते ही उसकी गति चौगुनी हो जाती है। पित्त में इसकी गति आठ गुना बढ़ जाती है, कफ में इसकी गति 16 गुना बढ़ जाती है, वात में इसकी गति 30 गुना बढ़ जाती है और मज्जा में इसकी गति 60 गुना बढ़ जाती है। एक बार जब जहर इस बिंदु तक पहुंच जाता है, तो जीवित रहना असंभव हो जाता है।

जब जहर बढ़ने लगता है तो 7 प्रकार की स्थितियां उत्पन्न होती हैं। जहर के पहले चरण यानि पहले आवेग में ही रोमांच की अनुभूति होती है। जब जहर का दूसरा आवेग आता है तो बहुत पसीना आने लगता है। तीसरे आवेग में व्यक्ति छटपटाने लगता है, शरीर कांपने लगता है। जब जहर चौथी अवस्था में पहुंच जाता है तो व्यक्ति की सुनने की क्षमता खत्म हो जाती है। पांचवें आवेग में व्यक्ति को बहुत अधिक हिचकी आने लगती है यानी प्राण शरीर छोड़ने लगता है। छठा आवेग आने पर व्यक्ति की गर्दन लटक जाती है और सातवां आवेग आने पर व्यक्ति की जान चली जाती है। इस प्रकार इन 7 चरणों में सांप के काटने पर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

भविष्य पुराण में बताया गया है कि कृष्ण पक्ष की अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और नाग पंचमी के दिन जिसे सांप काट लेता है उसका बचना असंभव है। पुराण में यह भी कहा गया है कि सांप द्वारा काटे गए व्यक्ति का खंडहर, श्मशान और सूखे पेड़ के नीचे जीवित रहना मुश्किल होता है।

नाग के संबंध में इस पुराण में बताया गया है कि कार्तिक माह में सर्पिणी एक बार में लगभग 240 अंडे देती है। जिनमें से कुछ ही अंडे फूटते हैं, और सपोले निकलते है, उनमे से कई को तो सर्पिणी खुद ही खा जाती है। अंडों से सपोलों को निकलने में लगभग 6 महीने का समय लगता है। अगर सांप खतरे से बच जाएं तो वे 120 साल तक जीवित रह सकते हैं।

इन सबके अलावा सांप का शरीर एक लंबी रस्सी की तरह होता है जो पूरी तरह से स्केल्स से ढका होता है।

ध्यान रखें कि सांप के पैर नहीं होते। यह निचले हिस्से में मौजूद घड़ारियों की मदद से चलता है, और जाहिर तौर पर सांपों के कान भी नहीं होते, लेकिन उनके पास एक आंतरिक ध्वनि प्रणाली होती है।

साँप के निचले जबड़े में दो पंक्तियों में व्यवस्थित दाँत सुई की तरह नुकीले होते हैं, जो गले में अंदर की ओर मुड़े होते हैं।

सांपों की पलकें नहीं होतीं, इसलिए माना जाता है कि सांप अपनी आंखों से सुन सकते हैं और संस्कृत में सांपों को चक्षुश्रवा कहा गया है यानी आंखों से सुनने वाला जीव।

जीवविज्ञानियों के अनुसार विश्व में साँपों की लगभग 2,744 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत में साँपों की 10 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। अब तक लगभग 270 प्रजातियाँ देखी जा चुकी हैं।

वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि सांपों का दिल लंबा होता है। यह बहुत बड़ा नहीं है। साँपों के हृदय में तीन कक्ष होते हैं, जबकि अन्य पशु-पक्षियों के हृदय में 4 कक्ष होते हैं।

सांप की ऊपरी परत, यानी त्वचा, लंबे समय के बाद मर जाती है और उसकी जगह नई त्वचा ले लेती है। जब सांप बाहरी त्वचा की इस परत को हटा देता है, तो इसे केचुली उतारना कहा जाता है।

एक सांप अपने जीवनकाल में कितनी बार अपनी केंचुली उतारता है यह सांप की उम्र, स्वास्थ्य, प्राकृतिक आवास, तापमान आदि पर निर्भर करता है। धामन सांप एक वर्ष में 3-4 बार अपनी केंचुली उतारता है।

शोध से पता चला है कि सांप हवा में बहने वाली ध्वनि तरंगों के प्रति बहरे होते हैं, लेकिन पृथ्वी की सतह से निकलने वाले कंपन के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं। वे इसी से शिकार करते हैं।

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FAQs

सांप के कितने दांत होती है?
सांप के 200 दांत होते हैं।

लेख के बारे में

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