डिजिटल कंप्यूटर क्या है | Digital Computer Kya Hai: आज के लेख में हम आपको डिजिटल कंप्यूटर क्या है, डिजिटल कंप्यूटर का इतिहास, डिजिटल कंप्यूटर कैसे काम करता है, डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार, डिजिटल कंप्यूटर की विशेषताएं, डिजिटल कंप्यूटर के उपयोग और डिजिटल कंप्यूटर के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी देने वाले है।
आज के समय में डिजिटल कंप्यूटर का बहुत उपयोग किया जाता है। चाहे वह छोटा काम हो या फिर बड़ा । डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग सभी कामो के लिए किया जाता है। हम अपने दैनिक जीवन के कार्यों को करने के लिए भी डिजिटल कंप्यूटर का भी उपयोग करते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जो बाइनरी नंबर सिस्टम पर काम करता है। हालांकि इन कंप्यूटरों को संख्याओं की गणना के लिए बनाया गया था, लेकिन धीरे-धीरे ये और विकसित हो गए और आज इन कंप्यूटरों द्वारा कोई भी विशेष कार्य पूरा कर लिया जाता है। डिजिटल कंप्यूटर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
तो चलिए आपका ज्यादा समय ना लेते हुए इस लेख को शुरू करते हैं और विस्तार से जानते हैं कि डिजिटल कंप्यूटर क्या है हिंदी में।
डिजिटल कंप्यूटर क्या है | Digital Computer Kya Hai
Included
- डिजिटल कंप्यूटर क्या है?
- डिजिटल कंप्यूटर का इतिहास
- डिजिटल कंप्यूटर कैसे काम करते हैं?
- डिजिटल कंप्यूटर के भाग
- डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार
- डिजिटल कंप्यूटर की विशेषताएं
- डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग
- डिजिटल कंप्यूटर के लाभ
- डिजिटल कंप्यूटर के नुकसान
- डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर के बीच अंतर
- कंप्यूटर का वर्गीकरण
- प्रश्नोत्तरी
डिजिटल कंप्यूटर क्या है | Digital Computer Kya Hai
डिजिटल कंप्यूटर क्या है?
डिजिटल कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर होते हैं जो बाइनरी लैंग्वेज (0 और 1) पर काम करते हैं। इन्हें आधुनिक युग का कंप्यूटर भी कहा जाता है। डिजिटल कंप्यूटर में, उपयोगकर्ता इनपुट डिवाइस के माध्यम से इनपुट प्रदान करते हैं और फिर कंप्यूटर इन इनपुट को प्रोसेस करता है और आउटपुट डिवाइस के माध्यम से उपयोगकर्ता को परिणाम प्रदर्शित करता है।
डिजिटल कंप्यूटर किसी भी ऑपरेशन को करने के लिए बाइनरी नंबर सिस्टम का उपयोग करते हैं क्योंकि यह कंप्यूटर केवल अंकों यानी 0 और 1 को समझता है।
डिजिटल कंप्यूटर को मुख्य रूप से गणितीय संख्याओं की गणना के लिए डिज़ाइन किया गया था, इसलिए इसे हिंदी में संगणक भी कहा जाता है। लेकिन आज डिजिटल कंप्यूटर बहुत उन्नत हो गए हैं। ये केवल संख्या गिनने तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।
डिजिटल कंप्यूटर में स्टोरेज डिवाइस होते हैं जिसके द्वारा वे बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर करने में सक्षम होते हैं। इनकी प्रोसेसिंग स्पीड भी बहुत तेज होती है। इनका उपयोग दैनिक जीवन में भी किया जाता है।
डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप, पर्सनल कंप्यूटर आदि हैं।
डिजिटल कंप्यूटर का इतिहास
डिजिटल कंप्यूटर के आविष्कार का श्रेय जॉन विंसेंट अटानासॉफ को जाता है, जिन्होंने 1930 के दशक में आयोवा स्टेट कॉलेज में पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर बनाया था। अटानासॉफ एक अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और आविष्कारक थे।
डिजिटल कंप्यूटर बनाने का मुख्य उद्देश्य गणितीय संख्याओं की गणना करना था, लेकिन आज ये कंप्यूटर इतने शक्तिशाली हैं कि इनका उपयोग बड़े कार्यों के लिए किया जाता है। और ये कंप्यूटर किसी भी काम को चुटकी में पूरा करने की क्षमता रखते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर कैसे काम करते हैं?
डिजिटल कंप्यूटर की कार्यप्रणाली को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
1.इनपुट- जब यूजर कंप्यूटर को कोई निर्देश देता है तो इसे इनपुट करते हैं। उपयोगकर्ता इनपुट डिवाइस के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश देता है।
2. प्रोसेस – जब उपयोगकर्ता किसी डिजिटल कंप्यूटर को निर्देश देते हैं, तो यह मानव पठनीय होता है। इसलिए, इन निर्देशों को पहले डिजिटल कंप्यूटर सीपीयू और अन्य घटकों द्वारा मशीनी भाषा में परिवर्तित किया जाता है। मशीनी भाषा वह भाषा है जिसे कंप्यूटर समझ सकते हैं।
3. आउटपुट – मशीनी भाषा के माध्यम से, कंप्यूटर यह समझने में सक्षम होता है कि उपयोगकर्ता ने उसे क्या इनपुटदिया है और फिर उसके आधार पर प्रसंस्करण की प्रोसेसिंग को समाप्त करता है और आउटपुट डिवाइस के माध्यम से उपयोगकर्ता को परिणाम देता है।
तो इस प्रकार एक डिजिटल कंप्यूटर काम करता है। और आउटपुट डिवाइस के जरिए यूजर को सटीक रिजल्ट देता है।
डिजिटल कंप्यूटर के भाग
डिजिटल कंप्यूटर के प्रमुख भाग निम्नलिखित हैं –
1. Input Device- इनपुट डिवाइस वे डिवाइस हैं जिनके द्वारा उपयोगकर्ता डिजिटल कंप्यूटर को निर्देश दे सकता है। जैसे कि कीबोर्ड, माउस, ट्रैकबॉल आदि।
2. CPU – Central Processing Unit (CPU) जिसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है, यह पूरे कंप्यूटर को नियंत्रित करता है। जब उपयोगकर्ता इनपुट डिवाइस के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश देता है, तो सीपीयू उसे प्रोसेस करता है। सीपीयू के अंदर कई कंपोनेंट्स होते हैं जो अलग-अलग काम करते हैं।
3. ALU – अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU) हार्डवेयर में एक डिजिटल सर्किट है जिसका कार्य अंकगणित, गणितीय और तार्किक गणना करना है। जैसे जोड़, घटा, गुणा, भाग आदि।
4. Control Unit – कण्ट्रोल यूनिट डेटा और निर्देशों को नियंत्रित करती है। कंट्रोल यूनिट मेमोरी से निर्देश प्राप्त करता है और फिर उसका अनुवाद करता है और आउटपुट डिवाइस को निर्देश भेजता है।
5. Memory- मेमोरी का उपयोग डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसे इंटरनल मेमोरी कहते हैं। जब कंप्यूटर निर्देश प्राप्त करने के बाद एक प्रोग्राम चलाता है, तो वह सारा डेटा इंटरनल मेमोरी में होता है। जैसे हार्ड डिस्क, एसएसडी आदि।
6. Output Device – आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर से जुड़े होते हैं। जब इनपुट के आधार पर डेटा पूरी तरह से संसाधित हो जाता है और उपयोगकर्ता को प्रदर्शित होने के लिए तैयार होता है, तो इन आउटपुट डिवाइस पर उपयोगकर्ता परिणामों को देख और एक्सेस कर सकता है। आउटपुट डिवाइस मॉनिटर, प्रिंटर, प्लॉटर आदि हैं।
डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार
डिजिटल कंप्यूटर मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं।
- माइक्रो
- मिनी कंप्यूटर
- मेनफ़्रेम कंप्यूटर
- सुपर कंप्यूटर
आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-
माइक्रो कंप्यूटर | Micro Computer
माइक्रो कंप्यूटर आकार में बहुत छोटे होते हैं, इस प्रकार के कंप्यूटर में सीपीयू की जगह माइक्रोप्रोसेसर लगाया जाता है। आप इन कंप्यूटरों को डेस्क पर रखकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। माइक्रो कंप्यूटर का उपयोग दैनिक जीवन में किया जाता है, इसलिए इन्हें पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है। माइक्रो कंप्यूटर के कुछ उदाहरण लैपटॉप, नोटबुक, स्मार्टफोन, कैलकुलेटर आदि हैं।
मिनी कंप्यूटर | Mini Computer
मिनी कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर होते हैं जो आकार में मध्यम होते हैं और माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक कुशलता और तेजी से काम करते हैं। एक मिनी कंप्यूटर में एक समय में एक से अधिक व्यक्ति काम कर सकते हैं। मिनी कंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं IBM’s AS/400e, Honeywell200, TI-990 आदि।
मेनफ्रेम कंप्यूटर | Mainframe Computer
मेनफ्रेम कंप्यूटर मिनी कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर दोनों से आकार में बड़े होते हैं। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग बड़े संगठनों में किया जाता है। इनकी प्रोसेसिंग स्पीड बहुत तेज होती है और मेमोरी भी काफी ज्यादा होती है। एक मेनफ्रेम कंप्यूटर में एक साथ हजारों लोग काम कर सकते हैं। मेनफ्रेम कंप्यूटर के कुछ उदाहरण IBM Z15, IBM Z14, IBM System Z13 आदि हैं।
सुपर कंप्यूटर | Super Computer
सुपर कंप्यूटर सबसे उन्नत कंप्यूटर हैं। इनकी स्पीड, फंक्शनलिटी किसी भी अन्य कंप्यूटर के मुकाबले काफी ज्यादा होती है जिसके कारण इनकी कीमत भी काफी ज्यादा होती है। आकार में भी ये कंप्यूटर अन्य कंप्यूटरों (Computers) की तुलना में बहुत बड़े होते हैं।
सुपर कंप्यूटर का उपयोग एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया जाता है। अधिकांश बड़ी कंपनियां सुपर कंप्यूटर का उपयोग करती हैं। सुपर कंप्यूटर पर एक अकेला व्यक्ति काम नहीं कर सकता, इसे चलाने के लिए एक पूरी टीम की आवश्यकता होती है। सुपर कंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं फ्रोंटेरा, सिएरा, सनवे टेनलाइट आदि।
डिजिटल कंप्यूटर की विशेषताएं
डिजिटल कंप्यूटर की कई विशेषताएं हैं, जिनमें से कुछ का उल्लेख हमने नीचे किया है।
अच्छी मेमोरी – डिजिटल कंप्यूटर में बड़ी मात्रा में डेटा को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। इनकी भण्डारण क्षमता बहुत अधिक होती है।
अच्छी गति – डिजिटल कंप्यूटर बहुत तेज होते हैं, वे सभी कार्यों को तेज गति से करते हैं। डिजिटल कंप्यूटर इनपुट प्राप्त करने के कुछ सेकंड से पहले उपयोगकर्ता को आउटपुट देते हैं।
मल्टीटास्किंग – डिजिटल कंप्यूटर मल्टीटास्किंग होते हैं, इनमें आप एक साथ कई तरह के टास्क कर सकते हैं। डिजिटल कंप्यूटर बहु कार्यों को बहुत कुशलता से करने में सक्षम हैं।
सटीक – डिजिटल कंप्यूटर अधिक सटीक आउटपुट देते हैं। आप किसी भी समय किसी भी डिजिटल कंप्यूटर से सटीक डेटा प्राप्त कर सकते हैं।
विभिन्न उपयोग – डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि आप गाने सुन सकते हैं, वीडियो देख सकते हैं, गेम खेल सकते हैं, फोटो ले सकते हैं, डिजिटल कंप्यूटर पर डेटा स्टोर कर सकते हैं आदि।
उपयोग में आसान – डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग करना भी आसान है। इनका उपयोग करने के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है।
उपलब्ध विभिन्न मूल्य सीमा – डिजिटल कंप्यूटर विभिन्न मूल्य श्रेणियों में उपलब्ध हैं, आप अपने कार्यों की आवश्यकता के अनुसार डिजिटल कंप्यूटर खरीद सकते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग
एक डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है, डिजिटल कंप्यूटर द्वारा किए जाने वाले कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं –
- डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है जैसे संख्या गिनना, डेटा संग्रहीत करना, गाने सुनना, वीडियो देखना, दस्तावेज़ बनाना आदि।
- सभी स्कूलों, कॉलेजों, छोटे और बड़े संस्थानों, कार्यालयों आदि स्थानों पर डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।
- डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग वीडियो एडिटिंग, फोटो एडिटिंग, गाने की रिकॉर्डिंग आदि के लिए किया जाता है।
- डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग कारखानों, उद्योगों में स्वचालित मशीनों को चलाने के लिए किया जाता है।
- डिजिटल कंप्यूटर चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर के लाभ
डिजिटल कंप्यूटर के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं –
- डिजिटल कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है, ये बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर करने में सक्षम होते हैं।
- डिजिटल कंप्यूटर मल्टीटास्किंग हैं, जिसमें बिना किसी परेशानी के एक साथ कई काम किए जा सकते हैं।
- एनालॉग कंप्यूटर की तुलना में डिजिटल कंप्यूटर अधिक सटीक आउटपुट देते हैं।
- डिजिटल कंप्यूटर अपनी गति के लिए भी जाने जाते हैं। ये कंप्यूटर गुणवत्ता के साथ बहुत जल्दी काम करते हैं।
- डिजिटल कंप्यूटर कई प्रकार के सॉफ्टवेयर का समर्थन करते हैं, आप किसी विशेष कार्य को करने के लिए सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं और उस कार्य को कर सकते हैं। जैसे गाना सुनना, गेम खेलना, वीडियो देखना आदि।
- उपयोगकर्ता अपना काम डिजिटल कंप्यूटर पर आसानी से कर सकता है।
डिजिटल कंप्यूटर के नुकसान
डिजिटल कंप्यूटर के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं –
- डिजिटल कंप्यूटर वायरस से ग्रस्त हैं। एक बार जब वायरस इन कंप्यूटरों में प्रवेश कर जाते हैं, तो वे कंप्यूटर के प्रदर्शन को खराब कर सकते हैं।
- डिजिटल कंप्यूटरों को हैक किया जा सकता है, यदि आप किसी डिजिटल कंप्यूटर में मूल्यवान डेटा स्टोर करते हैं और हैकर्स आपके कंप्यूटर को हैक कर लेते हैं, तो आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- डिजिटल कंप्यूटर बहुत महंगे होते हैं।
- डिजिटल कंप्यूटर को एनालॉग कंप्यूटर की तुलना में अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है।
- डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, एक सामान्य उपयोगकर्ता जिसे कंप्यूटर का अधिक ज्ञान नहीं है वह डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग नहीं कर सकता है।
डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर के बीच अंतर
डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर के बीच अंतर निम्नलिखित हैं –
भौतिक मात्राओं को मापने के लिए एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। डिजिटल कंप्यूटर मुख्य रूप से संख्याओं की गणना के लिए डिज़ाइन किए गए थे। लेकिन अब डिजिटल कंप्यूटर बहुत उन्नत हो गए हैं।
एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग ज्यादातर विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग सभी क्षेत्रों में किया जा सकता है।
एनालॉग कंप्यूटर सटीक आउटपुट नहीं देते हैं। जबकि डिजिटल कंप्यूटर सटीक आउटपुट देते हैं।
एनालॉग कंप्यूटर में डाटा स्टोर नहीं होता है। डिजिटल कंप्यूटर बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर करने में सक्षम हैं।
एनालॉग कंप्यूटर एक समय में केवल एक ही कार्य कर सकते हैं, वे मल्टीटास्किंग नहीं हैं। डिजिटल कंप्यूटर मल्टीटास्किंग हैं, आप डिजिटल कंप्यूटर में एक साथ कई तरह के कार्य कर सकते हैं।
एनालॉग कंप्यूटर एक विशिष्ट कार्य कर सकते हैं। डिजिटल कंप्यूटर कई तरह के कार्य कर सकते हैं, जैसे गेम खेलना, वीडियो एडिट करना, गाने रिकॉर्ड करना, डेटा स्टोर करना आदि।
एनालॉग कंप्यूटर की कार्य करने की गति कम होती है। डिजिटल कंप्यूटर बड़ी तेजी से काम करने में सक्षम हैं।
एनालॉग कंप्यूटर की कीमत कम होती है। डिजिटल कंप्यूटर महंगे हैं।
कंप्यूटर का वर्गीकरण
कंप्यूटर को काम, आकार और क्षमता के आधार पर एनालॉग, डिजिटल और हाइब्रिड कंप्यूटरों में वर्गीकृत किया जाता है। प्रत्येक श्रेणी का उपयोग अपने विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया जाता है और इसका अपना महत्व होता है।
एनालॉग कंप्यूटर
एनालॉग कंप्यूटर मुख्य रूप से विद्युत संकेतों के साथ-साथ वोल्टेज और करंट पर आधारित होते हैं और लगातार आउटपुट दिखाते हैं। एनालॉग कंप्यूटर आमतौर पर डिजिटल कंप्यूटर की तुलना में धीमे होते हैं। उदाहरण के लिए, थर्मामीटर, वोल्टमीटर, स्पीडोमीटर। ये कंप्यूटर डेटा स्टोर करते हैं और डिजिटल कंप्यूटर की तुलना में बहुत अलग तरीके से गणना करते हैं जो डेटा डिस्प्ले के लिए प्रतीकात्मक तरीकों का उपयोग करते हैं।
डिजिटल कम्प्यूटर
डिजिटल कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर होते हैं जो डेटा पर बाइनरी रूप यानी 0 और 1 अंक में काम करते हैं। इसका मुख्य लाभ यह है कि वे त्वरित और पुन: प्रोग्राम करने योग्य हैं। इसी तरह के कंप्यूटर वर्तमान में प्रचलन में हैं, जिनमें से कुछ उदाहरण स्मार्टफोन, टैब, लैपटॉप और कैलकुलेटर हैं।
हाइब्रिड कंप्यूटर
हाइब्रिड कंप्यूटर किसी विशेष कार्य को करने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं, ये कंप्यूटर अधिक विश्वसनीय होते हैं और इनमें कई गुण होते हैं। यह एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटरों से बना है, इसलिए इसे हाइब्रिड कंप्यूटर कहा जाता है। आमतौर पर वैज्ञानिक अनुप्रयोगों, हवाई जहाज, बड़े उद्योगों और अस्पतालों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके कुछ उदाहरण यातायात नियंत्रण, चिकित्सा क्षेत्र, मौसम, अल्ट्रासाउंड मशीन, मॉनिटरिंग मशीन आदि हैं।
प्रश्नोत्तरी
डिजिटल कंप्यूटर क्या है?
डिजिटल कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर होते हैं जो बाइनरी नंबर सिस्टम (0 और 1) पर काम करते हैं, इस प्रकार के कंप्यूटर इनपुट प्राप्त करते हैं और उन्हें बाइनरी कोड में परिवर्तित करते हैं और उपयोगकर्ता को उपयुक्त परिणाम दिखाते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?
डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार जॉन विंसेंट अटानासॉफ ने 1930 के दशक में किया था।
डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण क्या हैं?
वैसे तो डिजिटल कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सामान्य उदाहरण की बात करें तो कैलकुलेटर, लैपटॉप, डेस्कटॉप, स्मार्टफोन, मोबाइल आदि डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण हैं।
डिजिटल कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?
डिजिटल कंप्यूटर मुख्यतः 4 प्रकार के होते हैं – माइक्रो कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर और सुपर कंप्यूटर।
निष्कर्ष
इस लेख में सीखा कि डिजिटल कंप्यूटर क्या है, यह कैसे काम करता है, डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार, इतिहास, विशेषताएं, उपयोग, फायदे, नुकसान और डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर के बीच अंतर आदि। हमने आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दी है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप डिजिटल कंप्यूटर को अच्छे से समझ गए होंगे।
हमने इस लेख में आपको डिजिटल कंप्यूटर के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने की पूरी कोशिश की है, लेकिन फिर भी अगर कोई जानकारी बची है, तो आप हमें अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं।
तो इस लेख में बस इतना ही, मुझे उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पसंद आया होगा। डिजिटल कंप्यूटर क्या है, आप इस लेख को सोशल मीडिया पर भी साझा करें और अन्य लोगों को डिजिटल कंप्यूटर के बारे में बताएं।