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चांद पृथ्वी से कितनी दूर है - Chand Prithvi Se Kitna Dur Hai

चांद पृथ्वी से कितनी दूर है, पृथ्वी से चांद कितनी दूर है – Chand Earth Se Kitna Dur Hai

Chand Prithvi Se Kitna Dur Hai: वर्तमान समय में दुनिया का हर देश चांद पर जाने में लगा हुआ है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि चांद कितना दूर है, चंद्रमा (चाँद) तक पहुंचने में कितना समय लगता है।

हमारे आकाश में चंद्रमा सबसे चमकीली चीज है, आज दुनिया चांद पहुंच रही है। जब भी कोई रॉकेट (Rocket) पृथ्वी से चंद्रमा की ओर उड़ान भरता है तो उसे चंद्रमा तक पहुंचने में कई दिनों से लेकर महीनों तक का समय (वक्त) लग जाता है। यह विभिन्न अंतरिक्षयानों की गति पर भी निर्भर करता है। लेकिन क्या आप जानते है पृथ्वी से चांद कितनी दूर है, चांद कितनी दूर है, अगर नहीं तो आज के इस लेख को आखिरी तक अवश्य पढ़े।

आज के इस लेख में आप जानेंगे की चांद पृथ्वी से कितना दूर है (Chand Prithvi Se Kitna Dur Hai), तो आइये जानते है –

पृथ्वी से चांद कितनी दूर है (Prithvi Se Chand Kitni Dur Hai)

पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी लगभग 384,400 किमी है। दरअसल, चंद्रमा पृथ्वी को केंद्र मानकर उसकी परिक्रमा यानी चक्कर नहीं लगाता। इसीलिए इसके बीच की दूरी समय-समय पर बढ़ती और घटती रहती है। कभी-कभी यह हमारे ग्रह के करीब होता है और कभी-कभी यह बहुत दूर होता है।

जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है तो उसे उपभू (Perigee) कहा जाता है और तब यह हमारे ग्रह से 363,300 किमी दूर होता है। इस दौरान यदि चंद्रमा अपनी पूर्णिमा अवस्था में होता है तो इसे सुपरमून (Super Moon) कहा जाता है।

जब चाँद पृथ्वी से सबसे अधिक दूर होता है तो उसे अपभू (Apogee) कहते है और तब यह हमारे ग्रह से 405,500 किमी दूर होता है। अगर इस दौरान सूर्य ग्रहण होता है तो यह आसमान में आग के छल्ले (आग की एक रिंग) जैसा दिखता है।

चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता रहता है। यह पूरी पृथ्वी का एक चक्कर 27.3 दिन में पूरा करता है और अपने अक्ष का एक चक्कर भी 27.3 दिन में पूरा करता है। इस कारण चंद्रमा का केवल एक भाग या चेहरा हमें दिखाई देता है।

चंद्रमा के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि इसके पास अपनी खुद की रोशनी (प्रकाश) नहीं है, सूर्य की किरणों की रोशनी के कारण चंद्रमा हमेशा चमकता रहता है। जब चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में आ जाता है तो उसे पूर्णिमा या पूर्णमासी की रात कहा जाता है।

इस दिन को भारत देश में गंगा स्नान के लिए शुभ माना जाता है। चंद्रमा 24 घंटे रहता है लेकिन रात में अंधेरा होने के कारण यह दिखाई देता है और दिन में सूरज की रोशनी अत्यधिक होने के कारण यह हमें दिखाई नहीं देता है।

चाँद तक पहुंचने में कितना समय लगता है / चाँद तक पहुंचने में कितना समय लगता है?

चाँद तक पहुंचने में तीन दिन लग जाते है। पहली बार इंसानों को लेकर चांद (चन्द्रमा) पर अपोलो-11पहुंचा था। तब इसे चांद की सतह तक पहुंचने में 4 दिन छह घंटे और 45 मिनट का समय लगा था। हालांकि एक ऐसा स्पेसक्राफ्ट भी रहा है, जिसे चन्द्रमा पर पहुंचने में आधा दिन भी नहीं लगा है। उस स्पेसक्राफ्ट का नाम न्यू होराइजन्स था, जिसे चांद तक पहुंचने में सिर्फ 8 घंटे 35 मिनट का समय लगा था। उस समय अंतरिक्ष यान न तो धीमा हुआ और न ही चंद्रमा की कक्षा के करीब पहुंचा अपितु प्लूटो के सफर पर चलता रहा।

चाँद पर पानी है या नहीं (Chand Par Pani Hai Ya Nahi)

अंग्रेजी न्यूज पोर्टल के मुताबिक, चांद पर कई जगहों पर बर्फ के रूप में पानी पाया गया है। हालाँकि यह पानी पृथ्वी के पानी से बहुत अलग है और यह चंद्रमा के छायादार हिस्से में है जहाँ बर्फ है। पानी के बिना बर्फ का अस्तित्व नहीं हो सकता, इसलिए चंद्रमा पर बर्फ की मौजूदगी एक अच्छा संकेत है कि वहां पानी है।

चाँद के बारे में कुछ बातें –

चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। जब चंद्रमा पूर्ण होता है, तो यह अन्य दिनों की तुलना में 9 गुना अधिक चमकीला होता है। चंद्रमा का वजन लगभग 81 अरब टन है। क्षेत्रफल की दृष्टि से चंद्रमा का आकार लगभग दक्षिण अफ़्रीका के बराबर है। जिस तरफ प्रकाश होता है, उस तरफ चंद्रमा का तापमान लगभग 180 डिग्री होता है। चंद्रमा के अंधेरे पक्ष (भाग) पर तापमान लगभग -153 डिग्री होता है।

आप पृथ्वी से चंद्रमा का केवल 59% भाग ही देख सकते हैं। चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। आपको यह भी बता दें कि अगर चंद्रमा चला गया तो पृथ्वी पर केवल 6 घंटे ही रोशनी रहेगी।

अब तक केवल 12 लोग ही चांद पर पहुंचे हैं। पृथ्वी लगभग 9 चंद्रमाओं का रूप ले सकती है। चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा करने में लगभग एक माह का समय लगता है। हर कोई सोचता है कि चंद्रमा (चाँद) गोल है, पर ऐसा नहीं हैं। चंद्रमा गोल नहीं, वह अंडाकार है।

नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे। हमारे सौरमंडल या सोलर सिस्टम में लगभग 181 अन्य उपग्रह हैं। इनमें से पांचवां सबसे बड़ा चंद्रमा है। पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा में लगभग 3 दिन लगते हैं। सूर्य चंद्रमा से लगभग 400 गुना बड़ा है।

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चंद्रमा और पृथ्वी के बीच कितनी दूरी है?
चंद्रमा और पृथ्वी के मध्य की दूरी करीबन 384,399 किलोमीटर (238,854 मील) है।

चंद्रमा पर कौन कौन रहता है?
वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा पर जीवन संभव नहीं है, पर धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्र देव अपनी पत्नियों के साथ चंद्रमा पर रहते हैं।

पृथ्वी से सूर्य और चंद्रमा एक ही आकार के क्यों दिखाई देते हैं?
पृथ्वी से सूर्य और चंद्रमा दोनों एक ही आकार के दिखाई देते हैं। सूर्य और चंद्रमा दोनों एक ही आकार के दिखाई देने का कारण यह है कि सूर्य पृथ्वी से अधिक दूर है और चंद्रमा निकट है। सूर्य की तुलना में चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 400 गुना करीब है लेकिन छोटा है।

लेख के बारे में

आज के इस लेख में हमने आपको चांद पृथ्वी से कितनी दूर है (Chand Prithvi Se Kitna Dur Hai) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख चांद धरती से कितनी दूर है (Chand Earth Se Kitna Dur Hai) अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करे।

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