आसमान नीला क्यों होता है – जब सूर्य का प्रकाश वायुमण्डल में गैस के कणों से टकराता है तो वह इंद्रधनुष के सातों रंगों बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल में बिखर जाता है। आकाश को आसमान, अंबर और शून्य भी कहते है। शून्य का अर्थ है जहां कुछ भी नहीं है। आकाश का कोई निश्चित रंग नहीं होता है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है आसमान नीला क्यों दिखता है, हरा या काला क्यों नहीं? इसके पीछे भी एक विज्ञान है। डब्ल्यूडब्ल्यूडी की रिपोर्ट के मुताबिक इसके पीछे सूरज की रोशनी की भूमिका है। तो आइये जानते है आसमान नीला क्यों होता है, आसमान की ऊंचाई कितनी है (Aasman Neela Kyon Hoti Hai) –
धरती से आसमान की ऊंचाई कितनी है इन हिंदी (Dharti Se Aasman Ki Unchai Kitni Hai)
आकाश की दूरी की बात करें तो पृथ्वी से आकाश की अनुमानित दूरी 149.6 मिलियन किलोमीटर मानी जाती है, जो वास्तव में पृथ्वी से सूर्य की दूरी है।
आसमान नीली क्यों होती है इन हिंदी (Aasman Neela Kyon Hota Hai)
प्रकाश के पृथ्वी से संपर्क करने के तरीके के कारण आकाश नीला दिखाई देता है। वास्तव में जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में गैस के कणों से टकराता है तो वह इंद्रधनुष के सातों रंगों में बिखर जाता है।
आकाश नीला दिखाई देने का मुख्य कारण इसका वायुमंडल है। हमारे आकाश में अनेक सूक्ष्म पदार्थ हैं। आकाश के नीले दिखाई देने में सूर्य और वायुमंडल दोनों का मुख्य योगदान है। वायुमंडल में कई अलग-अलग गैसें होती हैं और इसमें कई कण होते हैं।
जब सूर्य का प्रकाश इस वायुमण्डल से होकर गुजरता है तो आकाश में पाये जाने वाले वायु कणों के कारण यह प्रकाश आरा पार हो जाता है या बिखर जाता है। जब इसका प्रकाश प्रकीर्णित यानी बिखरता है तो यह सबसे अधिक बैंगनी, आसमानी तथा नीला रंग बदलता है, जिससे आकाश नीला दिखाई देता है।
सूर्य के प्रकाश में बैंगनी, नील, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग मिलते हैं। इतने रंग होने के बाद भी हमें आसमान नीला दिखाई देता है जो वातावरण में मौजूद धूल और कणों के कारण होता है। जब यह सूर्य का प्रकाश वातावरण की धूल और कणों से निकलता है तो इसके नीले दिखाई देने का मुख्य कारण यह है कि नीले रंग की तरंग दैर्ध्य बहुत कम होती है जिसके कारण यह पूरे वायुमंडल में बिखर जाता है और पूरा आकाश नीला दिखाई देता है।
यदि वायुमंडल में कोई कण नहीं होते, तो शायद हमें आकाश काला दिखाई देता। इसके उदाहरण से यदि आप देखना चाहें तो अन्तरिक्ष में वायुमण्डल का अभाव है, जहाँ आपको सर्वत्र काला आकाश दिखाई देगा।
ऐसा नहीं है कि आसमान हमेशा नीला दिखता है। आकाश भी लाल और गुलाबी दिखाई देता है। इसके पीछे सूर्योदय और सूर्यास्त जैसा कारण है। धूल के बादलों के कारण मार्च 2022 में लंदन में आसमान नारंगी हो गया। कभी-कभी आसमान का रंग इस तरह असामान्य हो सकता है।
कुछ लोगों को लगता है कि जिस तरह धरती से आसमान हमें नीला दिखाई देता है, उसी तरह अंतरिक्ष से भी धरती नीली दिखाई देती है, जिसका कारण यही है, लेकिन ऐसा नहीं है। अंतरिक्ष से पृथ्वी के नीले रंग में दिखने का कारण पृथ्वी का वातावरण नहीं बल्कि समुद्र है। पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग समुद्र से ढका हुआ है, जिसके कारण यह अंतरिक्ष से नीला दिखाई देती है।
सुबह और शाम आसमान का रंग
आप सभी ने अक्सर देखा होगा कि आसमान का रंग सुबह और शाम के समय बदलता रहता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आकाश का रंग नारंगी या लाल हो जाता है। इसके पीछे भी विज्ञान है। विज्ञान के अनुसार सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पृथ्वी सूर्य के अधिक निकट होती है। उस समय सूर्य का ताप भी कम हो जाता है। नीले और हरे रंग की तुलना में नारंगी रंग में अधिक परिवर्तन होता है, जिसके कारण नारंगी रंग बाकी रंगों पर हावी हो जाता है। इसलिए आसमान का रंग सुबह और शाम के समय लाल या नारंगी होता है।
अंतरिक्ष यात्रियों को आकाश काला क्यों दिखाई देता है (Sky Is Black)
आसमान नीला क्यों दिखता है इसका कारण ऊपर बताया जा चुका है। अब आपके लिए यह समझना बहुत आसान हो जाएगा कि अंतरिक्ष से आसमान काला क्यों दिखाई देता है। चूँकि न तो कोई वायुमंडल है और न ही प्रकाश का प्रकीर्णन। यही कारण है कि अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि नीला आकाश दिखने के लिए वायुमंडल की उपस्थिति आवश्यक है। यदि अंतरिक्ष में भी पृथ्वी जैसा वातावरण होता तो वहां भी प्रकाश का प्रकीर्णन होता और संभवतः वहां भी आकाश का रंग नीला दिखाई दे सकता था।
लेख के बारे में
आज के इस लेख में हमने आपको आसमान नीला क्यों होता है, धरती से आसमान की ऊंचाई कितनी है के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख धरती से आसमान की ऊंचाई कितनी है अच्छा लगा है तो इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करना न भूले।