Aasman Mein Kitne Taare Hain: कुछ खगोलीय पिंडों की अपनी ऊष्मा और प्रकाश होता है, जिसे वे उत्सर्जित करते रहते हैं, इन खगोलीय पिंडों को तारे कहा जाता है। तारे का अपना कोई वजन और कोई आकार नहीं होता है।
हमारे ब्रह्मांड में 10 लाख करोड़ से भी ज्यादा आकाशगंगाएँ हैं। आकाशगंगा में इतने तारे हैं की इनकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते। आसमान में तारों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आसमान के तारों की सही गणना करना असंभव है। तारे रात में दिखाई देते है, लेकिन रात में तारों के बिना आसमान सूना सा लगता है।
आज के इस लेख में हम आपको विशेषज्ञों के अनुसार निकाले गए आकड़ो के अनुसार आकाश में कितने तारे हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले है, इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहे। तो आइये जानते है –
आसमान में कितने तारे हैं (Aakash Mein Kitne Taare Hain)
ब्रह्मांड में लगभग 10,000 करोड़ (10 हज़ार करोड़) आकाशगंगाएँ हैं और प्रत्येक आकाशगंगा में लगभग 20,000 करोड़ तारे हैं।
जिस तरह इंसान की मृत्यु निश्चित है उसी तरह तारों की भी मृत्यु निश्चित होती है। हमारे सौर मंडल में सूर्य भी एक तारा है जिसकी आयु 4.6 अरब वर्ष है और यह अगले 5 अरब वर्षों तक और जीवित रहेगा।
तारे ब्रह्माण्ड में मौजूद नीहारिका (नेबुला) से बनते हैं। ने इनका आकार कई प्रकाश वर्ष बड़ा होता है और तारे इनके अंदर मौजूद गैस, हाइड्रोजन, हीलियम और धूल कण से बनते हैं।
निहारिका में धूल के कणों के साथ-साथ अन्य गैस मौजूद होती हैं और गुरुत्वाकर्षण बल के कारण वे एक-दूसरे की ओर खिंचते हैं और गैस के गोले में बदल जाते हैं। गैसों और धूल के कणों के बीच खिंचाव इतना अधिक हो जाता है कि ये गोले अपना तापमान बढ़ाने लगते हैं और तेजी से घूमने लगते हैं।
तापमान में वृद्धि और तीव्र घूर्णन के कारण यह आसपास से अधिक धूल कणों और गैसों को आकर्षित करते है और यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। तारे की इस अवस्था को प्रोटोस्टार कहा जाता है। यह प्रोटोस्टार लगातार गैसों और कणो को अपनी ओर खींचता है और ऐसा तब तक करता रहता है जब तक कि प्रोटोस्टार के अंदर सघनता न आ जाए।
जब एक प्रोटोस्टार द्रव्यमान की एक मात्रा जमा कर लेता है, तो वह सघनता इसके अंदर मौजूद होती है और तारे का कोर तापमान और दबाव को उत्पन्न करता है।
पहले से मौजूद दबाव और तापमान के कारण हाइड्रोजन गैस उपयोग होती है, जिससे नाभिकीय प्रक्रिया शुरू होती है। जब नाभिकीय संलयन प्रक्रिया होती है, तो हाइड्रोजन के दो अणु मिलकर हीलियम बनाते हैं।
जब यह प्रक्रिया होती है तो तारे से ऊर्जा और प्रकाश निकलता है और वह चमकने लगता है। इस तरह एक तारे का जन्म होता है।
आकाश में तारों का महत्व (Importance Of Stars In The Sky)
जिस तरह इंसान की मृत्यु निश्चित है उसी तरह सितारों की भी मृत्यु निश्चित है। अगर आप छोटे तारे की तुलना बड़े तारे से करते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छोटे तारे अधिक समय तक जीवित रहते हैं और बड़े तारे कम समय तक जीवित रहते हैं। सूर्य एक ऐसा तारा है जिसके अंदर बहुत अधिक गर्मी पाई जाती है। तारे हमें टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं और सूर्य टिमटिमाते हुए दिखाई नहीं देता है। पृथ्वी पर तारों की संख्या अनंत है, जिन्हें आम आदमी अपने जीवन में कभी गिन नहीं सकता।
तारों के बारे में (About Stars In Hindi)
आकाश में चमकने वाले तारे सूर्य से बहुत बड़े और अधिक चमकदार होते हैं। स्पष्ट दृष्टि वाला व्यक्ति आकाश में एक बार में 2000-2500 तारे ही देख सकता है। पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्रॉक्सिमा सेंटॉरी है, जो पृथ्वी से लगभग 4.2 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। ब्रह्मांड में अनेक रंगीन तारे पाए जाते हैं, जिनमें लाल, नीला और सफेद प्रमुख हैं। सबसे छोटा तारा सूर्य है। बेटेलगेउसे नाम के तारे का भार सूर्य से 20 गुना है और इसका आकार सूर्य से लगभग 1000 गुना है। VY Canis Majoris नाम का तारा ब्रह्मांड का सबसे बड़ा तारा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह तारा सूर्य से लगभग 1800 गुना बड़ा है, इसके सामने सूर्य चींटी की तरह दिखाई देता है। तारा जितना बड़ा होगा, उसका जीवन काल उतना ही कम होगा।
FAQs
आकाश में कितने तारे हैं?
ब्रह्मांड में लगभग 10,000 करोड़ (10 हज़ार करोड़) आकाशगंगाएँ हैं और प्रत्येक आकाशगंगा में लगभग 20,000 करोड़ तारे हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा तारा कौन सा है?
वी वाई कैनीस मजोरिस दुनिया का सबसे बड़ा तारा है।
लेख के बारे में
आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको आसमान में कितने तारे हैं (Aasman Mein Kitne Taare Hain) इसके बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख आकाश में कितने तारे हैं अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।